गोवा: गोवा का वह नाइटक्लब जहां दिसंबर की शुरुआत में लगी भीषण आग में 25 लोगों की मौत हो गई थी. बताया जा रहा है कि उसे अवैध रूप से नमक के मैदान पर बनाया गया था. साथ ही बिना वैध ट्रेड लाइसेंस के चलाने की इजाजत दी गई थी, जिससे कई सरकारी स्तरों पर गंभीर लापरवाही और मिलीभगत का पता चलता है.
राज्य सरकार ने बुधवार को सार्वजनिक की गई रिपोर्ट में कहा कि वह दुर्भाग्यपूर्ण ढांचा नमक के मैदान के बीच में खड़ा था और "किसी भी कानून के तहत इसकी इजाज़त नहीं थी". उत्तरी गोवा के अरपोरा गांव में स्थित 'बर्च बाय रोमियो लेन' नाइटक्लब में 6 दिसंबर की रात को आग लगी थी और इसमें पर्यटकों और स्टाफ सदस्यों की जान चली गई थी. जांच के अनुसार, वैध लाइसेंस न होने के बावजूद यह प्रतिष्ठान अवैध रूप से चलता रहा, और स्थानीय पंचायत ने परिसर को सील करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की.
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुई समीक्षा बैठक में पेश की गई जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि एक संशोधित साइट स्केच "नमक के मैदान/जलाशय के बीच में षट्कोणीय संरचना को दर्शाता है". "यह स्पष्ट रूप से स्थापित करता है कि संरचना नमक के मैदान/जलाशय के बीच में स्थित है जिसे अब या पहले लागू किसी भी कानून के तहत बनाने की इजाज़त नहीं है. नमक के मैदान को बदलना भूमि राजस्व संहिता की धारा 32 के साथ-साथ तटीय क्षेत्र विनियमों का भी उल्लंघन है."
रिपोर्ट में कहा गया है कि अरपोरा-नागोवा ग्राम पंचायत ने 16 दिसंबर 2023 को "बीइंग जीएस हॉस्पिटैलिटी गोवा अरपोरा एलएलपी" को बार और रेस्तरां-सह-नाइटक्लब चलाने के लिए एक प्रतिष्ठान लाइसेंस जारी किया था, जो 31 मार्च 2024 तक वैध था. इसके बाद लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया गया. इस रिपार्ट ने सबको चौंका कर रख दिया है. अब देखने वाली बात यह रहेगी की आगे आने वाले दिनों में क्या और खुलासे होते हैं. अब लोगों की नजरें इस केस पर टिकी हुई हैं.