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जंगल में 52 किलो सोना, 10 करोड़ छिपाने वाले 'धनकुबेर' का पता चला, मामूली से कॉन्स्टेबल ने कैसे कमाई बेशुमार दौलत? पढ़ें काला चिट्ठा

पूर्व आरटीओ कॉन्सटेबल सौरभ शर्मा निकला भोपाल के जंगल में मिले 52 किलो सोना, 10 करोड़ कैश का मालिक

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Edited By: Sagar Bhardwaj
 Former RTO constable Saurabh Sharma turns out to be the owner of 52 kg gold and Rs 10 crore cash fo

भोपाल के जंगल की जिस लावारिस इनोवा गाड़ी से 10 करोड़ कैश और 52 किलो सोना बरामाद हुआ है उसके मालिक का पता चल गया है. कोई और नहीं उसका मालिक आरटीओ का वही पूर्व हवलदार सौरभ शर्मा है जिसके घर से एक दिन पहले हुई छापेमारी में 1.15 करोड़ नकद, आधा किलो सोना, हीरे, 50 लाख के जेवरात, चांदी की सिल्लियां और प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे, यही नहीं उसके ऑफिस से भी 1.70 करोड़ रुपए का कैश और प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे.

पूर्व हवलदार कैसे बना अकूत संपत्ति का मालिक
सौरभ ने मात्र 7 साल आरटीओ कॉन्सटेबल के तौर पर नौकरी की थी, उसके बाद उसने वीआरएस ले लिया था और प्रॉपर्टी डीलिंग में हाथ आजमाया. लक्ष्मी ने उसका ऐसा हाथ पकड़ा कि देखते ही देखते वह अकूत संपत्ति का मालिक बन बैठा.

पिता थे सरकारी डॉक्टर
सौरभ के पिता आरके शर्मा सरकारी डॉक्टर थे लेकिन 2015 में उनका निधन हो गया था जिसके बाद सौरभ को परिवहन विभाग में अनुकंपा पर नौकरी मिली थी.

आय से अधिक संपत्ति की शिकायत
डीजी लोकायुक्त को सौरभ शर्मा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत मिली थी जिसके बाद उस पर कार्रवाई की गई.

2 करोड़ का घर का इंटीरियर
सौरभ के जिस घर पर छापेमारी की गई वह किसी आलीशान बंगले से कम नहीं है. घर की डेकोरेशन पर उसने करीब दो करोड़ रुपए खर्च किए. घर में बेशकीमती सेनेटरी झूमर और कई अन्य लग्जरी सामान मिले जिनकी कीमत लाखों में है.

बिल्डरों नेताओं से की साठगांठ
नौकरी से वीआरएस लेने के बाद सौरभ ने नेताओं और रसूखदार बिल्डरों से साठगांठ की और कई नामचीन प्रॉपर्टी में निवेश करना शुरू किया. सूत्रों के मुताबिक, एक प्रभावशाली मंत्री के संरक्षण में सौरभ का कारोबार फल-फूल रहा था. जिस मंत्री का सौरभ के ऊपर हाथ बताया जा रहा है वह पहले कमलनाथ सरकार, शिवराज सिंह सरकार और अब मोहन सरकार में भी मंत्री है.

भ्रष्ट अधिकारियों की साठगांठ से कमाई अकूत संपत्ति
सौरभ शुरू से इतना अमीर नहीं था. नौकरी छोड़ने से पहले उसने परिवहन विभाग में बड़े अधिकारियों से साठगांठ कर ली थी जिसके बाद उसने परिवहन विभाग में नाका तैनाती और ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर जमकर काली कमाई की और फिर इस पैसे को रियल एस्टेट के कारोबार में झौंक दिया.

भोपाल के सबसे पॉश इलाके में ठिकाना
बताया जाता है कि उसने अवैध तरीके से एक एनजीओ से स्कूल अपने नाम कर लिया. हाल ही में उनसे दो मकान और खरीदे हैं. यही नहीं भोपाल के सबसे पॉश इलाके अरेरा कॉलोनी में भी उसका ठिकाना है. 

कहां है सौरभ
लोकायुक्त जांच में सामने आया है कि फिलहाल सौरभ दुबई में है और भोपाल स्थित घर में केवल उसकी मां और नौकर रह रहे हैं.

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