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India Daily

'...तो देश के युवाओं को रील्स और मोबाइल फोन से दूर रहना होगा', मनसुख मांडविया ने क्यों कही ये बात?

मांडविया ने अपने संबोधन में कहा, "भारत तभी विकसित हो सकता है जब युवा नशे की लत के साथ-साथ मोबाइल और रील्स की लत से दूर रहें."

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Mansukh Mandaviya

केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को नशे, मोबाइल फोन और सोशल मीडिया रील्स की लत से दूर रखना अनिवार्य है. उन्होंने यह बयान वाराणसी में 'विकसित भारत के लिए नशामुक्त युवा' शीर्षक से आयोजित युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन में दिया.

युवा और विकसित भारत का सपना

मांडविया ने अपने संबोधन में कहा, "भारत तभी विकसित हो सकता है जब युवा नशे की लत के साथ-साथ मोबाइल और रील्स की लत से दूर रहें." उन्होंने 2022 के 76वें स्वतंत्रता दिवस समारोह का जिक्र किया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले 25 वर्षों के लिए अपनी दृष्टि साझा की थी. उन्होंने बताया कि भारत की 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम उम्र की है, और युवा 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

युवाओं को नशे और मोबाइल फोन से दूर रखना होगा

नशा: राष्ट्रीय प्रगति के लिए खतरा

मंत्री ने चेतावनी दी कि "नशा आज युवाओं के सामने सबसे बड़ा खतरा है. यह उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण मोड़ पर जकड़ रहा है और राष्ट्रीय प्रगति के लिए गंभीर चुनौती है." उन्होंने दोहराया, "2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए हमें अपने युवाओं को नशे, मोबाइल फोन और रील्स से दूर रखना होगा." मांडविया ने धार्मिक और सामाजिक नेताओं से अपील की कि वे अपने मंचों का उपयोग कर युवाओं में नशे के खतरों के प्रति जागरूकता फैलाएं.

जन आंदोलन की जरूरत

मांडविया ने जोर देकर कहा कि नशामुक्ति के लिए छोटे-मोटे प्रयास या शिविर पर्याप्त नहीं हैं. "हमें एक जन आंदोलन की जरूरत है, जहां हर नागरिक कम से कम पांच अन्य लोगों को नशा-विरोधी अभियान में शामिल होने के लिए प्रेरित करने का संकल्प ले." उन्होंने उम्मीद जताई कि दो दिवसीय शिखर सम्मेलन से मूल्यवान चर्चाएं और ठोस परिणाम सामने आएंगे.

काशी घोषणा पत्र

यह सम्मेलन 20 जुलाई को 'काशी घोषणा' के विमोचन के साथ समाप्त होगा. यह दस्तावेज नशामुक्त भारत के लिए युवाओं और आध्यात्मिक नेताओं की सामूहिक दृष्टि और प्रतिबद्धता को दर्शाएगा, जो नीति निर्माताओं और नागरिक संगठनों के लिए मार्गदर्शक बनेगा.