वाईएसआर कांग्रेस के कद्दावर नेता और आंध्र प्रदेश के राजमपेट से सांसद पीवी मिथुन रेड्डी को शनिवार को आंध्र प्रदेश पुलिस ने शराब घोटाले में गिरफ्तार कर लिया. उन पर आरोप है कि पिछली सरकार के कार्यकाल में ₹3,200 करोड़ के शराब घोटाले में उनकी अहम भूमिका रही है. यह गिरफ्तारी विजयवाड़ा में घंटों चली पूछताछ के बाद हुई, जिसे राज्य की राजनीति में एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है.
विशेष जांच टीम (SIT) ने शनिवार को विजयवाड़ा में मिथुन रेड्डी से कई घंटों तक पूछताछ की. पूछताछ के बाद शाम करीब 7:30 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इस बात की पुष्टि राज्य की गृह मंत्री वंगलापुडी अनिता ने की और कहा कि उन्हें जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा. मिथुन रेड्डी आंध्र प्रदेश के राजमपेट से लोकसभा सांसद हैं और वाईएसआरसीपी के प्रमुख नेता माने जाते हैं. इससे पहले इस मामले में धनुंजय रेड्डी, कृष्ण मोहन रेड्डी और बालाजी गोविंदप्पा की भी गिरफ्तारी हो चुकी है.
वाईएसआर कांग्रेस ने इस गिरफ्तारी को सत्तारूढ़ सरकार की "राजनीतिक बदले की भावना" बताया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लादी विष्णु ने कहा कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू सिर्फ उन लोगों को निशाना बना रहे हैं जो जगन मोहन रेड्डी के करीबी हैं. उन्होंने कहा, "यह एक सोची-समझी साजिश है ताकि वाईएसआरसीपी के नेताओं को झूठे मामलों में फंसाया जा सके." विष्णु ने कहा कि जितना अधिक बदला लिया जाएगा, उतनी ही ताकत से पार्टी वापस लौटेगी और मौजूदा गठबंधन सरकार की विफलताओं और भ्रष्टाचार को उजागर करेगी.
वाईएसआरसीपी नेता एल. अप्पी रेड्डी ने मिथुन रेड्डी का बचाव करते हुए कहा कि वह एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से आते हैं और उन्होंने खुद जांच में शामिल होकर अपनी बेगुनाही साबित करने की मंशा जताई है. उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि न्याय व्यवस्था निष्पक्षता से काम करेगी. मिथुन रेड्डी का जांच में शामिल होना उनके कानून के प्रति सम्मान को दर्शाता है. पार्टी का मानना है कि इस गिरफ्तारी से उन्हें झुकाया नहीं जा सकता और वे कानूनी और राजनीतिक रूप से इसका मुकाबला करेंगे.