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India Daily

'अगर भारत मर गया तो कौन बचेगा?': कांग्रेस से वफादारी पर विवाद के बीच शशि थरूर ने किया 'नेशन फर्स्ट' का आह्वान

थरूर ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा, 'अगर भारत मर गया तो कौन बचेगा?' और सभी दलों के नेताओं व लोगों से आग्रह किया कि जब राष्ट्र संकट में हो, तो मतभेदों को भुला देना चाहिए.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Who Lives If India Dies Shashi Tharoor calls for nation first amid row over Congress loyalty

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने शनिवार को ऑपरेशन सिंदूर के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की प्रशंसा करने पर पार्टी नेतृत्व के साथ कथित मतभेदों पर अपनी चुप्पी तोड़ी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को राजनीतिक दल से ऊपर रखना जरूरी है. 

राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि

परिकेरल के कोच्चि में एक सभा को संबोधित करते हुए, एक छात्र ने थरूर से उनकी पार्टी के साथ संबंधों पर सवाल किया. उन्होंने जवाब दिया, "जब मेरे जैसे लोग कहते हैं कि हम अपनी पार्टियों का सम्मान करते हैं, हमारे पास कुछ मूल्य और विश्वास हैं जो हमें अपनी पार्टियों में बनाए रखते हैं, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में हमें अन्य दलों के साथ सहयोग करना चाहिए."

मेरा उद्देश्य राष्ट्र को बेहतर बनाना

 तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कांग्रेस को परोक्ष रूप से जवाब देते हुए कहा, "कभी-कभी पार्टियां इसे अपनी निष्ठा के खिलाफ मानती हैं. मेरे लिए राष्ट्र सर्वप्रथम है. पार्टियां राष्ट्र को बेहतर बनाने का साधन हैं. मेरे लिए, आप जिस भी पार्टी से हों, उसका उद्देश्य अपने तरीके से बेहतर भारत बनाना है."

थरूर ने इस बातचीत का वीडियो एक्स पर साझा किया और लिखा, "कोच्चि में आज एक हाई स्कूल छात्र ने अपरिहार्य सवाल पूछा. मैं सार्वजनिक रूप से ऐसी राजनीतिक चर्चाओं से बचता रहा हूं, लेकिन मुझे लगा कि एक छात्र जवाब का हकदार है."

सरकार की प्रशंसा पर विवाद

थरूर ने पार्टी नेतृत्व से मिल रही आलोचनाओं का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, "कई लोग मेरी आलोचना कर रहे हैं क्योंकि मैंने हमारी सेना, सरकार और हाल ही में देश व सीमा पर हुई घटनाओं का समर्थन किया. मैं अपने रुख पर कायम हूं क्योंकि मुझे लगता है कि यह देश के लिए सही है. जब मैं भारत की बात करता हूं, तो मैं सभी भारतीयों की बात करता हूं, न कि केवल उन लोगों की जो मेरी पार्टी को पसंद करते हैं."

नेहरू के शब्दों का उल्लेख

थरूर ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा, 'अगर भारत मर गया तो कौन बचेगा?' और सभी दलों के नेताओं व लोगों से आग्रह किया कि जब राष्ट्र संकट में हो, तो मतभेदों को भुला देना चाहिए.

थरूर बनाम कांग्रेस

थरूर और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के बीच तनाव तब बढ़ा जब उन्हें सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए चुना. पहलगाम आतंकी हमले के बाद, थरूर ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष और कूटनीतिक प्रयासों पर टिप्पणियां कीं, जो कांग्रेस के रुख से भिन्न थीं. द हिंदू में लिखे एक लेख में उन्होंने पीएम मोदी की "ऊर्जा" और "गतिशीलता" की प्रशंसा की, जिसे बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय ने साझा किया, जिससे उनकी निष्ठा पर अटकलें तेज हो गईं.