Fake Cancer Drug Racket: कैंसर की नकली दवा बनाकर मार्किट में बेचने वाले गिरोह का दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भंडाफोड़ किया है. इस मामले में क्राइम ब्रांच ने 8 आरोपियों को अपने गिरफ्त में लिया है. गिरफ्तार आरोपियों में से 2 आरोपी दिल्ली के बड़े कैंसर अस्पताल के कर्मचारी बताए जा रहे है. पुलिस ने आरोपियों के पास से कैंसर की कुल 9 अलग अलग ब्रांड्स की नकली दवाइयों को बरामद किया है.
पुलिस के मुताबिक आरोपी अस्पताल में कैंसर के मरीजों से खाली शीशियां लेते थे और फिर गैंग को भेज दिया करते थे. इसके बाद ये गैंग उन शीशियों में कोई भी दवा भरकर मार्किट में बेचते थे. आरोपियों के टारगेट पर ज्यादातर दिल्ली में बाहर से इलाज करने आने वाले मरीज होते थे. पुलिस ने जिन सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनके नाम विफल जैन, सूरज शत, नीरज चौहान, परवेज, कोमल तिवारी अभिनय कोहली और तुषार चौहान बताया जा रहा है. इनमें से नीरज गुरुग्राम का रहने वाला है जबकि बाकी के 6 दिल्ली के अलग अलग इलाकों के रहने वाले बताएं जा रहे है.
इस घटना के बारे में जानकारी साझा करते हुए क्राइम ब्रांच की स्पेशल सीपी शालिनी सिंह के कहा कि क्राइम ब्रांच की टीम को जानकारी मिली कि दिल्ली में एक गैंग एक्टिव है जो कैंसर की नकली दवाईयां मरीजों को सप्लाई कर रहा है. इसके बाद इन आरोपियों को पकड़ने के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया गया. जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने दिल्ली के मोती नगर इलाके में रेड को अंजाम दिया. यहीं से ये गैंग अपना गोरखधंधा ऑपरेट कर रहा था. छापेमारी के दौरान पहला लोकेशन दिल्ली के मोती नगर का डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स, दूसरा इलाका गुड़गांव का साउथ सिटी, तीसरा इलाका दिल्ली का यमुना विहार और एक हॉस्पिटल के कर्मचारियों पर था.
पुलिस के मुताबिक मोती नगर में विफिल जैन कैंसर की नकली दवाइयां को बनाता था. विफिल ही इस पूरे गैंग का सरगना भी था. पुलिस के मुताबिक इसने डीएलएफ ग्रीस में दो ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स किराए पर ले रखे थे. दिल्ली पुलिस ने यहां से दवाइयों की 140 शीशियां बरामद की है. इन शीशियां पर ओपडाटा, कीट्रूडा, डेक्सट्रोज, फ्लुकोनाज़ोल ब्रांड नाम लिखा था. ये इन ब्रांड्स के शीशी को इकट्ठा करके उनके अंदर नकली कैंसर इंजेक्शन भर देते.
इसके अलावा पुलिस ने इस जगह से 50 हजार कैश, 1000 अमेरिकी डॉलर, शीशी के कैप को सील करने वाली तीन मशीन, एक हीट गन मशीन और 197 खाली सीसी बरामद किये है. साथ ही साथ पैकेजिंग से जुड़े और भी नकली सामान पुलिस ने उनके अड्डे से बरामद किया है. जो नकली भरी शीशियां बरामद हुई है उनकी कीमत एक करोड़ 75 लाख बताई जा रही है. दिल्ली पुलिस इस जांच में जुटी है कि अवैध दवाओं के इस सिंडिकेट में कितने लोग काम कर रहे है और किस तरह से उन लोगों के तार जुड़े हुए थे.
आरोपियों के पास से दिल्ली पुलिस ने 137 भरी हुई शीशियां को बरामद किया. जो अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की है. जिनकी कीमत दो करोड़ 15 लाख रुपए है. इनके नाम कीट्रूडा, इन्फ़िनज़ी, टेसेंट्रिक, पेरजेटा, ओपडाटा, डार्ज़लेक्स और एर्बिटक्स है. पुलिस ने इनके पास से 89 लख रुपए कैश और 1800 अमेरिकी डॉलर भी बरामद किया है. इतना ही नहीं नीरज ने कैश काउंटिंग मशीन भी रखी हुई थी जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है.