Muda Scam: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सिद्धारमैया के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. बता दें कि पिछले हफ्ते कर्नाटक के लोकायुक्त ने भी सीएम और अन्य के खिलाफ MUDA घोटाला मामले में केस दर्ज किया था. सिद्धारमैया और अन्य के खिलाफ कोर्ट के आदेश के बाद केस दर्ज किया गया है.
मैसूर स्थित लोकायुक्त पुलिस प्रतिष्ठान द्वारा 27 सितंबर को दर्ज FIR में सिद्धारमैया, उनकी पत्नी बी एम पार्वती, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू (जिनसे स्वामी ने जमीन खरीदकर अपनी बहन पार्वती को उपहार में दी थी) और अन्य लोगों के नाम शामिल हैं.
राज्यपाल ने दी थी केस चलाने की इजाजत
कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने 16 अगस्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17A और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 218 के तहत सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की इजाजत दी थी. इसके बाद सिद्धारमैया ने राज्यपाल के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने राज्यपाल के आदेश को बरकार रखते हुए सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर दी थी.
क्या है MUDA स्कैम
दरअसल, कर्नाटक सरकार द्वारा सिद्धारमैया की जमीन का अधिग्रहण किया गया था. नियमानुसार, सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण के बदले सिद्धारमैया को दूसरी जगह जमीन दी जानी थी. MUDA ने मुआवजे के तौर पर 14 प्राइम लोकेशन पर सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के नाम कर दीं. आरोप है कि सिद्धारमैया ने गैरकानूनी तरीके से MUDA से ये जमीनें लीं. दावा किया जा रहा है कि इसमें 4 हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है. जमीनों उस वक्त पार्वती को दी गईं जब साल 2014 में सिद्धारमैया कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे.
आरोप पूरी तरह से राजनीतिक
सीएम सिद्धारमैया ने अपने ऊपर लगे आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक मामला है और उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. सीएम ने कहा कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है, इसलिए वह इस्तीफा नहीं देंगे और कानूनी लड़ाई लड़ेंगे.