Hit and Run Rule Changes: केंद्र सरकार ने हाल ही में सड़क दुर्घटना से हिट एंड रन मामलों से जुड़े मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में संशोधन किया है. ये संशोधन सख्त सजा और क्षतिपूर्ति राशि बढ़ाकर पीड़ितों को ज्यादा राहत देने की दिशा में उठाए गए कदम हैं. हालांकि इसको लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. जहां कई ट्रांसपोर्ट यूनियन और ड्राइवर्स ने विरोध करते हुए चक्का जाम कर दिया है तो वहीं पर उनकी हड़ताल के चलते एक जगह से दूसरी जगह सामान पहुंचने में दिक्कत हो रही है.
नतीजन कई राज्यों में लोगों को पेट्रोल और डीजल भराने के लिए लंबी लाइनों मे खड़े होना पड़ रहा है तो कई जगह पेट्रोल पंप खाली हो गए हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर नया हिट एंड रन नियम क्या है और यह पहले से कितना अलग है जिसके चलते इसे इतना विरोध झेलना पड़ रहा है.
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जानें क्या कहता है हिट एंड रन का नया नियम
- ज्यादा सजा: पहले हिट एंड रन की सजा अधिकतम 2 साल कैद और जुर्माना था. अब इसे बढ़ाकर 7 साल कैद और जुर्माना कर दिया गया है. गंभीर चोट लगने पर 14 साल तक की सजा हो सकती है.
- बढ़ी क्षतिपूर्ति: हिट एंड रन में मृत्यु होने पर पहले पीड़ित परिवार को 50,000 रुपये मिलते थे. अब इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है. गंभीर चोट पर 1.5 लाख रुपये तक क्षतिपूर्ति मिल सकती है.
- लाइसेंस रद्द करना: अब गंभीर हिट एंड रन मामलों में दोषी पाए जाने पर ड्राइविंग लाइसेंस को आजीवन रद्द किया जा सकता है.
- वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द करना: बार-बार हिट एंड रन करने वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है.
- पहचान छिपाने पर सजा: दुर्घटना के बाद पहचान छिपाने या सबूत मिटाने की कोशिश करने पर अलग से सजा का प्रावधान है.
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पहले के नियमों कितना अलग है नया हिट एंड रन का नियम
- पहले हिट एंड रन की सजा कम और क्षतिपूर्ति राशि भी कम थी. नए नियमों में सजा और क्षतिपूर्ति दोनों में काफी बढ़ोतरी की गई है.
- लाइसेंस रद्द करना और वाहन का रजिस्ट्रेशन रद्द करना जैसे कड़े कदम पहले नहीं थे.
- पहचान छिपाने पर सजा का प्रावधान पहले नहीं था.
- ये नए नियम हिट एंड रन के मामलों को कम करने और पीड़ितों को ज्यादा राहत देने की उम्मीद है. हालांकि, इन नियमों का सही तरीके से पालन और कठोरता से लागू करने की भी जरूरत है.
नए हिट एंड रन नियमों के विरोध के क्या कारण हैं
- कठोर सजा: कुछ लोगों को लगता है कि 7 साल तक की सजा बहुत ज्यादा सख्त है और छोटी गलतियों के लिए भी कठोर हो सकती है.
- लाइसेंस रद्द करना: आजीवन लाइसेंस रद्दगी को कुछ लोग आजीविका छिन जाने का डर मानते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो वाहन चलाकर ही गुजारा करते हैं.
- अनिश्चितता और मुश्किल प्रोसेस: नए नियमों को लेकर कुछ लोगों में अनिश्चितता है और उन्हें लगता है कि प्रक्रिया मुश्किल होगी.
- गलत आरोपों का डर: कुछ लोग गलत आरोपों के डर से चिंतित हैं, खासकर ऐसे मामलों में जहां दुर्घटना की परिस्थिति स्पष्ट नहीं है.
- अवैध वाहनों की चिंता: कुछ लोगों को लगता है कि नए नियमों से अवैध वाहनों का इस्तेमाल बढ़ सकता है, क्योंकि लोग पकड़े जाने के डर से लाइसेंस नहीं बनवाएंगे.
विरोध से पहले इन बातों का रखना चाहिए ध्यान
सरकार का कहना है कि ये नियम हिट एंड रन के गंभीर मामलों को कम करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए बनाए गए हैं. नए नियमों के साथ साथ सरकार जागरूकता अभियान भी चला रही है और प्रक्रिया को आसान बनाने की कोशिश कर रही है. नए नियमों का प्रभाव आने वाले समय में ही पता चल पाएगा. इस मुद्दे को समझने के लिए सभी पक्षों के तर्क और चिंताओं पर ध्यान देना जरूरी है. विरोध करने वाले लोगों की समस्याओं को समझने और उनका समाधान ढूंढने की भी जरूरत है.