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'ट्रंप ने असली हाइड्रोजन बम गिराया है' H-1B वीजा फीस पर ब्रांड एक्सपर्ट हरीश बिजूर ने भारतीयों को दी चेतावनी

ट्रंप ने दावा किया कि H-1B कार्यक्रम का दुरुपयोग हो रहा है, जिससे अमेरिकी श्रमिकों को नुकसान पहुंच रहा है. उनके मुताबिक, इस वीजा का इस्तेमाल कम वेतन वाले विदेशी कर्मचारियों को लाने के लिए किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Brand Expert Harish Bijoor
Courtesy: X

H-1B Visa Fee Hike: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा की फीस को 2,000-5,000 डॉलर से बढ़ाकर 100,000 डॉलर करने का ऐलान किया है, जिससे भारतीय तकनीकी पेशेवरों में हड़कंप मच गया है. इस नीति को ब्रांड विशेषज्ञ हरीश बिजूर ने ‘हाइड्रोजन बम’ की संज्ञा दी, जो भारत-अमेरिका संबंधों पर भारी पड़ सकता है. भारत ने इस कदम को परिवारों और उद्योगों के लिए नुकसानदायक बताया है, जबकि ट्रंप ने इसे अमेरिकी श्रमिकों के हित में बताया. 

‘H-1B वीजा बम’ का असर

हरीश बिजूर ने इस नीति को भारत के लिए एक कड़ा संदेश बताया, जो तकनीकी क्षेत्र में काम करने वाले 3 लाख से अधिक भारतीयों को प्रभावित करेगा. उन्होंने इसे ‘टैरिफ बम का संस्करण 2.0’ करार देते हुए कहा कि अमेरिका भारत से कह रहा है, ‘हमें तुम्हारी जरूरत नहीं.’ यह नीति न केवल नए आवेदकों, बल्कि वीजा नवीनीकरण वालों पर भी लागू होगी, जिससे कई भारतीयों का अमेरिका में रहना मुश्किल हो सकता है.

राष्ट्रीय सुरक्षा या श्रमिकों का संरक्षण?

ट्रंप ने दावा किया कि H-1B कार्यक्रम का दुरुपयोग हो रहा है, जिससे अमेरिकी श्रमिकों को नुकसान पहुंच रहा है. उनके मुताबिक, इस वीजा का इस्तेमाल कम वेतन वाले विदेशी कर्मचारियों को लाने के लिए किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. लेकिन भारत का मानना है कि यह नीति दोनों देशों के बीच नवाचार और आर्थिक सहयोग को कमजोर कर सकती है.

परिवारों पर मंडराता संकट

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि यह फैसला परिवारों के लिए ‘मानवीय परिणाम’ ला सकता है. कई भारतीय पेशेवर, जो त्योहारी सीजन के लिए भारत आए थे, अब जल्दबाजी में अमेरिका लौट रहे हैं. वीजा धारकों को डर है कि वे दोबारा अमेरिका में प्रवेश नहीं कर पाएंगे. इस फैसले ने उनके भविष्य को अनिश्चित कर दिया है.

कूटनीति और आत्मनिर्भरता की राह

भारत सरकार ने कहा कि वह इस नीति के प्रभावों का अध्ययन कर रही है और उद्योगों के साथ मिलकर इसका समाधान ढूंढेगी. बिजूर ने सुझाव दिया कि भारत को इस चुनौती का जवाब कूटनीति और आत्मनिर्भरता से देना चाहिए. इस बीच, भारतीय पेशेवरों और उनके परिवारों में अनिश्चितता का माहौल है, क्योंकि यह नीति 21 सितंबर की रात 9:31 बजे से लागू हो चुकी है.