CJI on New Laws: संसद की ओर से पुराने क्रिमिनल लॉज में बदलाव कर नए आपराधिक कानून लागू करने की प्रक्रिया पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है. सीजेआई ने कहा कि है आपराधिक कानूनों में बदलाव समाज में यह संदेश दे रहा है कि एक देश के रूप में हम न सिर्फ बदल रहे हैं बल्कि आगे भी बढ़ रहे हैं.
सीजेआई ने आगे बात करते हुए कहा कि समाज जिस तेजी से बदलाव रहा है उसके चलते कई नई चुनौतियां पैदा हो रही हैं और उनसे निपटने के लिए नए कानूनी औजारों की जरूरत है.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने देश में लागू किए गए नए आपराधिक कानूनों को समाज के हित के लिए ऐताहिसक लम्हा बताते हुए कहा कि भारत अपने क्रिमिनल ज्यूरिडिकेशन में अहम बदलावों के लिए तैयार है.
भारत के विकास की राह पर सरकार और आपराधिक ज्यूडिशियल सिस्टम के विषय पर आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के साथ भाग लिया और इसी दौरान ये बातें कहीं.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने नए कानून को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि ये कानून तभी सफलता हासिल कर पाएंगे जब हम एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर इन्हें अपनाएंगे. नए कानूनों की वजह से भारत के कानूनी ढांचे में नए युग की शुरुआत हुई है जो कि पीड़ितों के हितों की रक्षा करते हुए आपराधिक जांच के तरीके को और बेहतर करने की गारंटी देता है.
गौरतलब है कि 28 जनवरी को 2024 को पीएम मोदी ने सुप्रीम कोर्ट की 75वीं स्थापना वर्षगांठ के लिए आयोजित किए गए कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और कानून व्यवस्था के आधुनिकीकरण में सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया.
उन्होंने कहा था कि भारत न्याय संहिता के लागू होने से देश के कानून, पुलिस और इन्वेस्टिगेशन में एक नए दौर की शुरुआत होने जा रही है. आपको बता दें कि तीनों नए कानून 1 जुलाई 2024 से देश में लागू हो जाएंगे लेकिन हिट एंड रन से जुड़े नए प्रावधान पर अभी रोक जारी रहेगी.
सरकार की ओर से पुराने कानूनों में बदलाव कर भारतीय न्याय संहिता (आईपीसी), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य एक्ट (इंडियन एविडेंस एक्ट) को लागू की जाने के लिए नोटिफिकेशन जारी की जा चुकी है लेकिन इसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा-106 (2) जो कि हिट एंड रन अपराध से जुड़ा है उसे फिलहाल होल्ड कर दिया है.