नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संबलपुर में स्वतंत्रता सेनानी वीर सुरेंद्र साय की जन्मस्थली का दौरा किया. इस दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान में हिस्सा लेते हुए कहा कि इस अभियान के तहत उनकी जन्मस्थली की मिट्टी दिल्ली ले जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी जाएगी. इस अभियान को लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा "हम 'मेरी माटी, मेरा देश' अभियान के अंतिम चरण में हैं. हमारा सौभाग्य है कि हम आज स्वतंत्रता सेनानी वीर सुरेंद्र साय की जन्मस्थली पर आये. यहां की मिट्टी दिल्ली ले जाकर प्रधानमंत्री को दी जाएगी और इसे कर्तव्य पथ पर स्थापित किया जाएगा. देश के अलग-अलग महान लोगों की जन्मस्थली की मिट्टी दिल्ली ले जाई जाएगी.
#WATCH | Union Education Minister Dharmendra Pradhan visited the birthplace of freedom fighter Veer Surendra Sai and participated in the 'Meri Maati Mera Desh' campaign, earlier today. pic.twitter.com/dvNPPrfxPz
— ANI (@ANI) October 23, 2023
स्वतंत्रता सेनानी वीर सुरेंद्र साई का जन्म 23 जनवरी 1809 को संबलपुर के उत्तर में लगभग 30 किमी दूर खिंडा गांव में धरम सिंह और रेबती देवी के सबसे बड़े पुत्र के रूप में हुआ था. वह संबलपुर में चौहान राजवंश के चौथे वंशज राजा मधुकर साई के वंशज थे. सुरेंद्र साय की जन्मस्थली का दौरा करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ लंबे समय तक संघर्ष कर अपनी वीरता और साहस का लोहा मनवाने वाले सुरेंद्र साय की जन्मस्थली संबलपुर, खिंडा से आज पवित्र मिट्टी एकत्र करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. इस अभियान में स्थानीय लोगों की भागीदारी उत्साहवर्धक है. आज जब देश आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है तो आप लोग सुरेंद्र साय के मूल्यों को याद करें और संघर्ष और लोगों के अधिकारों के लिए एकजुट हों और खिंडा गांव को सुंदर बनाने और पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करें.
My address at the birth place of Veer Surendra Sai in Khinda, Sambalpur as a part of #MeriMaatiMeraDesh initiative. https://t.co/CDfAdJpgr5
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) October 23, 2023
देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने के लिए 9 अगस्त, 2023 को एक राष्ट्रव्यापी अभियान "मेरी माटी मेरा देश" शुरू किया गया था. यह अभियान 'आजादी का अमृत महोत्सव' का समापन कार्यक्रम है जो 12 मार्च, 2021 को शुरू हुआ और पूरे भारत में 2 लाख से अधिक कार्यक्रमों के साथ व्यापक सार्वजनिक जनभागीदारी देखने को मिली है.
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