नई दिल्ली: सोमवार शाम दिल्ली के लाल किले के पास जिस कार में विस्फोट हुआ था, उसका संबंध कश्मीर के एक डॉक्टर से होने का संदेह है, जिसके आतंकवादियों से संबंध होने की आशंका है. दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के दो अधिकारियों ने कहा कि जांच से पता चला है कि पुलवामा निवासी डॉक्टर उमर उन नबी संभवतः उस हुंडई i20 को चला रहे थे, जब उसमें विस्फोट हुआ था.
जैसा कि पहले रिपोर्ट में बताया था, प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि उमर हाल ही में हरियाणा के फरीदाबाद में बड़े पैमाने पर विस्फोटकों की जब्ती से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा था. इस मॉड्यूल के कारण पहले जम्मू-कश्मीर के दो अन्य डॉक्टरों की भी गिरफ्तारी हुई थी.
पुलिस ने बताया कि कार के मालिक का पता लगाने से फरीदाबाद कनेक्शन का पता चला. उन्होंने आगे कहा, 'उमर तक पहुंचने से पहले हमें काफी मशक्कत करनी पड़ी.' एक जांच अधिकारी ने बताया, 'हुंडई i20 कार सलमान नाम के एक व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत थी, जिसने बताया कि उसने इसे देवेंद्र नाम के एक व्यक्ति को बेच दिया था. जब देवेंद्र से पूछा गया तो उसने बताया कि उसने इसे तारिक नाम के एक व्यक्ति को बेच दिया था.
अधिकारी ने आगे कहा, 'जब हम तारिक की तलाश कर रहे थे, तो हमें पता चला कि कार आखिरी बार उमर के पास थी. हम उसे ढूंढ रहे थे और फिर पता चला कि हमले के समय वह i20 के अंदर था. हमें यह भी पता चला कि वह अपने डॉक्टर दोस्तों मुजम्मिल शकील और आदिल अहमद के साथ एक ही मॉड्यूल में काम करता है.'
डॉ. आदिल अहमद राथर की हिरासत के कुछ दिन बाद शकील को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 30 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. पूछताछ के बाद, वह जम्मू-कश्मीर पुलिस, आईबी और फरीदाबाद पुलिस की एक संयुक्त टीम को उनके कथित ठिकाने पर ले गया, जहां अधिकारियों ने सोमवार को लगभग 2,900 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट और बम बनाने की अन्य सामग्री जब्त की.
एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि संदिग्ध उमर ने अपने दोस्तों की गिरफ्तारी के बाद विस्फोट को अंजाम दिया होगा. अधिकारी ने कहा, 'हमें जम्मू-कश्मीर पुलिस से भी उनके संबंधों की पुष्टि मिली है.' उन्होंने आगे कहा कि विस्फोट के समय उमर ही i20 चला रहा था. "हां, हमारी शुरुआती जांच के अनुसार, उमर कार चला रहा था और संभवतः उसकी मौत हो गई है. हम शवगृह के डॉक्टरों से पूछताछ कर रहे हैं.'
दिल्ली पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. साथ ही विस्फोटक अधिनियम की धाराएं भी जोड़ी गई हैं. जांच में यह संभावना जताई जा रही है कि कार में रखा विस्फोटक डिवाइस गलती से सक्रिय हो गया, जिससे इतना बड़ा धमाका हुआ. विशेषज्ञों का कहना है कि विस्फोट की तीव्रता और गर्मी से अंदाजा लगता है कि इसमें अमोनिया जेल या किसी उच्च शक्ति वाले विस्फोटक का प्रयोग हुआ होगा.