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ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ेगा रक्षा बजट! नई तकनीक और हथियारों पर हो सकता है 50,000 करोड़ रुपये का भारी निवेश

सरकार ने संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में 50,000 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट का प्रस्ताव रखा है. यह अतिरिक्त राशि सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने, जरूरी रक्षा खरीद और अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में खर्च की जाएगी. इससे रक्षा प्रणाली को और उन्नत बनाने में मदद मिलेगी.

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Edited By: Reepu Kumari
Defence budget 2025
Courtesy: Pinterest

Defence Budget 2025: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत सरकार रक्षा क्षेत्र को और अधिक मज़बूत करने की दिशा में तेज़ी से कदम उठा रही है. सूत्रों के अनुसार, इस विशेष सैन्य अभियान के बाद रक्षा बजट में और वृद्धि की संभावना है. इसके तहत हथियारों, गोला-बारूद और अत्याधुनिक तकनीक की खरीद पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

सरकार ने संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में 50,000 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट का प्रस्ताव रखा है. यह अतिरिक्त राशि सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने, जरूरी रक्षा खरीद और अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में खर्च की जाएगी. इससे रक्षा प्रणाली को और उन्नत बनाने में मदद मिलेगी.

गौरतलब है कि वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए रिकॉर्ड 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 9.53% अधिक है. एनडीए सरकार के पिछले 10 वर्षों के कार्यकाल में रक्षा बजट में तीन गुना तक की वृद्धि देखी गई है. वर्ष 2014-15 में यह बजट मात्र 2.29 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 6.81 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह देश के कुल बजट का 13.45% है.

ऑपरेशन सिंदूर: आत्मनिर्भर भारत की ताकत का प्रदर्शन

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने सीमा पार किए बिना पाकिस्तान के भीतर नौ आतंकी शिविरों को ध्वस्त किया. इस मिशन में भारत की बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली ने अहम भूमिका निभाई. स्वदेशी ‘आकाश’ मिसाइल प्रणाली, बराक-8 मध्यम दूरी की एसएएम प्रणाली, रूसी एस-400 ट्रायम्फ और पिकोरा, ओएसए-एके जैसी युद्ध-सिद्ध प्रणालियों का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को अपने संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर की सराहना करते हुए कहा, “इस ऑपरेशन के दौरान हमारे भारत निर्मित हथियारों की विश्वसनीयता दृढ़ता से स्थापित हुई. दुनिया अब यह मान रही है कि 21वीं सदी के युद्ध में भारत निर्मित रक्षा उपकरणों का समय आ गया है.”

निष्कर्षतः, ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हो रहे प्रयासों को भी मजबूती दी है. आने वाले समय में रक्षा क्षेत्र में निवेश और तकनीकी उन्नयन भारत को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा सकता है.