5 अगस्त को दादर रेलवे स्टेशन पर एक ट्रॉली बैग में एक शख्स की लाश मिली. पुलिस ने जब पड़ताल शुरू की, तो आरोपी की पहचान 30 साल के अरशद अली सादिक अली शेख के रूप में हुई. पुलिस को पड़ताल के दौरान आरोपी के बारे में पता चला और उसे दबोच लिया गया. आरोपी की पहचान जय चावड़ा के रूप में हुई. पुलिस ने जब आरोपी से पूछताछ शुरू की, तो पता चला कि वो न तो सुन सकता है और न ही बोल सकता है. अब पुलिस के सामने परेशानी थी कि आखिर आरोपी से पूछताछ कैसे की जाए?
पुलिस ने आरोपी से पूछताछ के लिए एक स्कूल का पता लगाया, जहां मूक-बधिर बच्चे पढ़ाई करते थे. पुलिस ने गुरुवार को बताया कि पड़ताल और आरोपी से पूछताछ के लिए हमें सांकेतिक भाषा का यूज करने वाले किसी शख्स की जरूरत थी. स्कूल की ओर जब पुलिस की टीम ने रूख किया, तो रास्ते में आरएके मार्ग पुलिस स्टेशन की टीम से मुलाकात हो गई, जो वडाला में पेट्रोलिंग पर थे. पेट्रोलिंग टीम में ही कांस्टेबल राजेश सतपुते भी थे.
दादर पुलिस के मुताबिक, जब हमने पेट्रोलिंग टीम से पूरी स्थिति के बारे में चर्चा की, तो पता चला कि कांस्टेबल सतपुते का 23 साल का बेटा भी मूक-बधिर है और वो अपने दोस्तों से सांकेतिक भाषा यानी साइन लैंग्वेज में बातचीत करता है. हम जिस स्कूल में जा रहे थे, सतपुते का बेटा भी उसी स्कूल का छात्र रह चुका था.
पुलिस ने बताया कि सतपुते के बेटे गौरव को दादर रेलवे पुलिस स्टेशन ले जाया गया. यहां मर्डर केस की जांच में जुटी टीम ने गौरव को सवालों की एक लिस्ट दी. सवालों की लिस्ट के जरिए गौरव ने आरोपी जय चावड़ा से बातचीत शुरू की. पुलिस के मुताबिक, गौरव की चावड़ा से बातचीत से हमें क्राइम, मामले में शामिल अन्य आरोपी और हत्या के कारण के बारे में विस्तृत जानकारी मिली. हमने मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मृतक अरशद अली की पत्नी भी शामिल है.
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में सामने आया कि मृतक की पत्नी और मुख्य आरोपी जय चावड़ा की पत्नी के बीच अवैध संबंध है. पीटीआई से बात करते हुए कांस्टेबल राजेश सतपुते ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनका बेटा एक हत्या के मामले में पुलिस की मदद करने में कामयाब रहा. उन्होंने कहा कि गौरव ने साधना स्कूल में 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है. उसने मझगांव डॉक लिमिटेड से पाइप फिटर का कोर्स भी किया है. ये गौरव के प्रयासों का ही नतीजा था कि पुलिस को पूरी घटना की जानकारी मिल सकी.