menu-icon
India Daily

कोरोना 20 से ज्यादा देशों में फैला, क्या है केस बढ़ने की वजह?

भारत सहित 20 से अधिक देशों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. हर दिन नए संक्रमणों की संख्या में इजाफा हो रहा है, जिसने लोगों के मन में यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कोविड-19 अब पहले से ज्यादा खतरनाक हो गया है?

auth-image
Edited By: Gyanendra Sharma
Corona Virus
Courtesy: Social Media

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के ताजा आंकड़ों ने एक बार फिर वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय को सतर्क कर दिया है. भारत सहित 20 से अधिक देशों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. हर दिन नए संक्रमणों की संख्या में इजाफा हो रहा है, जिसने लोगों के मन में यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कोविड-19 अब पहले से ज्यादा खतरनाक हो गया है? क्या वायरस में कोई नया और घातक म्यूटेशन हुआ है? आइए, इस बार के कोरोना पैटर्न और इसके पीछे की वजहों को समझने की कोशिश करते हैं.

हाल के आंकड़ों के अनुसार, इस बार कोरोना के मामलों में JN.1 और BA.2.86 वेरिएंट्स का दबदबा देखा जा रहा है. ये वेरिएंट्स तेजी से फैलने की क्षमता रखते हैं, जिसके कारण संक्रमण की दर में वृद्धि हो रही है. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने अभी तक यह पुष्टि नहीं की है कि ये वेरिएंट्स पिछले वेरिएंट्स, जैसे डेल्टा या ओमिक्रॉन, की तुलना में अधिक घातक हैं. फिर भी, इनकी संक्रामकता ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को सतर्क रहने के लिए मजबूर कर दिया है.

केस बढ़ने की वजह क्या है?

यदि ये वेरिएंट्स अधिक खतरनाक नहीं हैं, तो फिर मामले क्यों बढ़ रहे हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए दिल्ली के गुरु तेग बहादुर (GTB) अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डॉ. अजीत कुमार बताते हैं कि मौसमी बदलाव इसकी प्रमुख वजह हो सकते हैं. डॉ. कुमार के अनुसार, "इस समय मौसम में काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. उमस, बारिश और गिरता तापमान वायरल संक्रमणों को बढ़ावा देता है. इन हालातों में लोगों में खांसी, जुकाम और हल्का बुखार जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. फ्लू जैसे वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में फैलते हैं, और इस दौरान कोविड जैसे अन्य वायरस का ट्रांसमिशन भी हो जाता है." उन्होंने आगे बताया कि कोविड-19 पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और इसके वेरिएंट्स में लगातार बदलाव हो रहा है. मौसमी परिस्थितियों और वायरस की संक्रामक प्रकृति के कारण नए मामले सामने आ रहे हैं.

क्या है चिंता का विषय?

हालांकि नए वेरिएंट्स के गंभीर होने का कोई ठोस सबूत नहीं है, लेकिन मामलों की बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव बढ़ा दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड की लहरों का पैटर्न पहले जैसा नहीं रहा. अब यह मौसमी फ्लू की तरह व्यवहार कर रहा है, जो समय-समय पर उभरता रहता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इसे हल्के में लिया जाए. कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग, बुजुर्ग, और गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए यह अब भी जोखिम भरा हो सकता है.

सरकार और स्वास्थ्य विभाग की तैयारी

भारत सरकार और राज्य सरकारें बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही हैं. ICMR और अन्य स्वास्थ्य संस्थान वेरिएंट्स पर नजर रख रहे हैं और जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए वायरस के म्यूटेशन का विश्लेषण कर रहे हैं.