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India Daily

Rahul Gandhi Vote Theft: राहुल गांधी के 'वोट चोरी' वाले आरोप से चुनाव आयोग को नहीं पड़ता फर्क, अपने अधिकारियों की दी ये सलाह

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास 100% सबूत हैं कि आयोग भाजपा के लिए काम कर रहा है. जिसपर चुनाव आयोग ने चुनाव अधिकारियों से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम करते हुए 'गैर-जिम्मेदाराना' बयानों को नजरअंदाज करने को कहा.

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Edited By: Km Jaya
Rahul Gandhi
Courtesy: Social Media

Rahul Gandhi Vote Theft: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को संसद भवन के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए. जिसपर चुनाव आयोग ने चुनाव अधिकारियों से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम करते हुए 'गैर-जिम्मेदाराना' बयानों को नजरअंदाज करने को कहा.

राहुल गांधी ने कहा कि हमारे पास ठोस और स्पष्ट सबूत हैं कि चुनाव आयोग वोट चोरी में लिप्त है. मैं यह बात 100% प्रमाण के साथ कह रहा हूं. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी ने इस संबंध में छह महीने तक अपनी आंतरिक जांच की, और जो जानकारी हाथ लगी वह 'परमाणु बम' के समान है.

 

चुनाव आयोग पर लगाया

कांग्रेस सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के लिए काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि जैसे ही हम ये सबूत सार्वजनिक करेंगे, पूरे देश को समझ में आ जाएगा कि चुनाव आयोग भाजपा के लिए वोट चुराने का काम कर रहा है.

चौंकाने वाले रिजल्ट आये सामने

राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें इस संबंध में पहले केवल संदेह था, लेकिन मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव और हाल ही में हुए महाराष्ट्र चुनावों में उनके संदेह गहरे होते चले गए. उन्होंने कहा कि हमने महसूस किया कि कुछ गलत हो रहा है, और जब हमने इसकी जांच शुरू की तो जो सामने आया, वह चौंकाने वाला है.

चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी

विपक्ष के नेता ने बताया कि कांग्रेस जल्द ही इन तथ्यों को सार्वजनिक करेगी, जिससे आम जनता को चुनाव प्रक्रिया में हो रही गड़बड़ियों का पता चल सकेगा. राहुल गांधी के इन आरोपों के बाद देश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है. वहीं भाजपा की ओर से इन आरोपों को लेकर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी सूत्रों ने इसे 'राजनीतिक नाटक' बताया है. इस बयान के साथ राहुल गांधी ने न केवल चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, बल्कि संवैधानिक संस्थाओं की निष्पक्षता और विश्वसनीयता को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है.