Vice Presidential Election 2025: भारत के उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए 9 सितंबर की तारीख तय की गई है. इस कड़ी में एनडीए ने अपना उम्मीदवार उतार दिया है. एनडीए ने तमिलनाडु से आने वाले और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है. अब देखना होगा कि विपक्ष की ओर से कौन सामने आएगा?
बता दें 21 जुलाई को पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से ये पद खाली है. संविधान के मुताबिक ये पद अधिकतम 6 महीने तक ही खाली रह सकता है. इस लेख में हम उपराष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया, मतदान पद्धति, और इसकी खासियतों को विस्तार से समझेंगे.
उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीखें
अधिसूचना जारी होने की तारीख: 7 अगस्त 2025
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख: 21 अगस्त 2025
नामांकन पत्रों की जांच: 22 अगस्त 2025
नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख: 25 अगस्त 2025
मतदान और परिणाम: 9 सितंबर 2025
9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा, और उसी दिन मतगणना के बाद विजेता का नाम घोषित किया जाएगा.
क्यों खाली हुआ उपराष्ट्रपति का पद?
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा था. इसके बाद से उपराष्ट्रपति का पद खाली है.
कैसे होता है उपराष्ट्रपति पद का चुनाव?
उपराष्ट्रपति का चुनाव भारत के संविधान के अनुच्छेद 66 के तहत होता है. उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति और सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम के आधार पर किया जाता है.
कौन डाल सकता है वोट?
राज्यसभा के 233 निर्वाचित सांसद
राज्यसभा के 12 मनोनीत सांसद
लोकसभा के 543 सांसद
इस तरह, कुल 788 मतदाता इस चुनाव में हिस्सा ले सकते हैं. हालांकि, चुनाव आयोग मतदान से पहले सभी मौजूदा सांसदों की गिनती करेगा.
मतदान कैसे होता है?
उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदाता को वरीयता के आधार पर वोट देना होता है. मतदाता बैलट पेपर पर उम्मीदवारों के नाम के सामने अपनी प्राथमिकता (पहली, दूसरी, तीसरी आदि) रोमन अंकों में लिखता है. यह प्रक्रिया गुप्त मतदान के तहत होती है, और मतदाता को विशेष रूप से प्रदान किए गए पेन का उपयोग करना होता है. यदि कोई उम्मीदवार पहली गिनती में कोटा (आवश्यक वोटों की संख्या) प्राप्त नहीं करता, तो सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को बाहर किया जाता है. उनके वोटों की दूसरी प्राथमिकता को अन्य उम्मीदवारों में ट्रांसफर किया जाता है. यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कोई उम्मीदवार कोटा प्राप्त नहीं कर लेता.
उपराष्ट्रपति उम्मीदवारी की शर्तें
उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को कम से कम 20 संसद सदस्यों को प्रस्तावक और 20 को समर्थक के रूप में नामित करना होता है. इसके साथ ही उम्मीदवार को 15,000 रुपये की जमानत राशि जमा करनी होती है. निर्वाचन अधिकारी नामांकन पत्रों की जांच करता है, और योग्य उम्मीदवारों के नाम बैलट में शामिल किए जाते हैं.
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में अंतर
उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति चुनाव में कुछ प्रमुख अंतर होता है. उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सांसद वोट डालते हैं, जिसमें मनोनीत सांसद भी शामिल हैं. वहीं, राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित सांसद और राज्यों के विधायक मतदान करते हैं, लेकिन मनोनीत सांसद वोट नहीं डाल सकते. साथ ही दोनों चुनाव अनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति से होते हैं, लेकिन मतदाताओं का दायरा अलग होता है.