तेलंगाना के आवासीय स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही का मामला फिर सामने आया है. सोमवार को दो अलग-अलग जिलों में घटी इन घटनाओं ने पूरे राज्य को झकझोर दिया. जहां एक तरफ एक छात्रा ने हॉस्टल में खुदकुशी कर ली, वहीं दूसरी तरफ बड़ी संख्या में छात्राएं भोजन से बीमार पड़ गईं. विपक्षी दलों ने इन घटनाओं को लेकर सरकार की जिम्मेदारी तय करने की मांग की है.
सोमवार को यदाद्री भुवनागिरी जिले के तुप्रानपेट गांव स्थित ज्योतिबा फुले बीसी गर्ल्स रेजिडेंशियल स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा 5 की छात्रा संध्या ने हॉस्टल की चौथी मंजिल से छलांग लगाकर जान दे दी. संध्या महबूबनगर जिले की रहने वाली थी और उसे उसके माता-पिता ने जबरन इस हॉस्टल में दाखिल कराया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार छात्रा इस हॉस्टल में नहीं रहना चाहती थी. दाखिले के अगले ही दिन उसने यह कदम उठा लिया. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
इस घटना के बाद विपक्षी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव ने सोशल मीडिया पर गहरी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि यह गुरुकुल हॉस्टलों में हो रही लगातार मौतों की एक और कड़ी है. केटीआर ने आरोप लगाया कि छात्रावासों में न तो पर्याप्त सुविधाएं हैं और न ही सही भोजन दिया जा रहा है. उन्होंने यह भी दावा किया कि अब तक गुरुकुल स्कूलों में 90 से ज्यादा छात्रों की मौत हो चुकी है और मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी इन घटनाओं को लेकर उदासीन हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द स्थिति नहीं संभाली तो उसे माता-पिताओं की बद्दुआ झेलनी पड़ेगी.
इसी दिन एक और गंभीर घटना नलगोंडा जिले के देवरकोंडा मंडल के मुदिगोंडा में स्थित आदिवासी बालिका आवासीय विद्यालय में घटी. यहां 35 छात्राओं को अचानक उल्टी और दस्त की शिकायत होने लगी, जिसके बाद उन्हें तुरंत देवरकोंडा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों के अनुसार, छात्राओं की हालत स्थिर है लेकिन भोजन में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हॉस्टल पहुंचकर खाद्य सामग्री के सैंपल लिए हैं. यह घटना भी आवासीय विद्यालयों में भोजन और स्वच्छता को लेकर लापरवाही को उजागर करती है.