menu-icon
India Daily

Dalai Lama: 15वें दलाई लामा को चुनने में चीन की कोई भूमिका नहीं! धर्म गुरु ने खुद बताया कब और कैसे तय होगा नाम

Dalai Lama: निर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने एक ऐतिहासिक बयान में साफ कर दिया है कि 600 साल पुरानी दलाई लामा की परंपरा उनकी मृत्यु के बाद भी जारी रहेगी, और उनके उत्तराधिकारी (15वें दलाई लामा) का चयन गादेन फोडरंग समकोण त्रिभुज होगा.

auth-image
Edited By: Babli Rautela
Dalai Lama
Courtesy: Social Media

Dalai Lama: निर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने एक ऐतिहासिक बयान में साफ कर दिया है कि 600 साल पुरानी दलाई लामा की परंपरा उनकी मृत्यु के बाद भी जारी रहेगी, और उनके उत्तराधिकारी (15वें दलाई लामा) का चयन गादेन फोडरंग समकोण त्रिभुज होगा. इस घोषणा ने चीन की किसी भी संभावित भूमिका को साफ रूप से खारिज कर दिया है. 6 जुलाई, 2025 को अपने 90वें जन्मदिन से ठीक पहले जारी इस बयान ने तिब्बती बौद्ध समुदाय और वैश्विक स्तर पर उनके अनुयायियों के बीच हलचल मचा दी है.

14वें दलाई लामा ने 2 जुलाई, 2025 को जारी अपने आधिकारिक बयान में कहा, 'मैं इस बात को दोहराता हूं कि गादेन फोडरंग ट्रस्ट के पास भावी पुनर्जन्म को मान्यता देने का एकमात्र अधिकार है; किसी और को इस मामले में हस्तक्षेप करने का ऐसा कोई अधिकार नहीं है.' यह बयान न केवल तिब्बती बौद्ध परंपराओं की स्वायत्तता को रेखांकित करता है, बल्कि बीजिंग के लिए भी एक कड़ा संदेश है, जो लंबे समय से तिब्बत की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रहा है.

गादेन फोडरंग ट्रस्ट को मिला एकमात्र अधिकार

दलाई लामा ने यह भी साफ किया कि उनकी मृत्यु के बाद 15वें दलाई लामा का चयन तिब्बती बौद्ध परंपराओं के अनुसार होगा, और इसमें गादेन फोडरंग ट्रस्ट की भूमिका सर्वोपरि होगी. यह ट्रस्ट, जिसे 1960 में दलाई लामा ने स्थापित किया था, तिब्बती समुदाय के धार्मिक और सांस्कृतिक मामलों को संभालने का जिम्मेदार संगठन है.

चीन की भूमिका पर सवाल

चीन ने बारहा दावा किया है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन करने का अधिकार उसके पास है. बीजिंग ने 1995 में पंचेन लामा (तिब्बती बौद्ध धर्म में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक पद) के चयन में हस्तक्षेप किया था, जब उन्होंने तिब्बती समुदाय द्वारा चुने गए गेदुन चोएक्यि न्यिमा को हिरासत में लिया और उनकी जगह अपने चुने हुए उम्मीदवार को नियुक्त किया. इस घटना ने तिब्बती समुदाय और वैश्विक बौद्ध अनुयायियों में गहरा असंतोष पैदा किया था.

दलाई लामा का यह बयान बीजिंग के दावों को सीधे चुनौती देता है. उन्होंने पहले भी कहा था कि उनका पुनर्जन्म तिब्बत के बाहर हो सकता है, और यह निर्णय पूरी तरह से तिब्बती धार्मिक परंपराओं के आधार पर लिया जाएगा. एक बार 2019 में उन्होंने मजाक में कहा था, 'अगर मैं तिब्बत में पैदा हुआ, तो शायद मैं एक प्यारा सा बच्चा बनूँ, लेकिन वहाँ की स्थिति को देखते हुए, मैं भारत में ही जन्म लेना पसंद करूंगा.'