Delhi old Vehicle Ban: दिल्ली की हवा को साफ करने और प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है.मंगलवार से राजधानी में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन देने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है.इसका असर पहले ही दिन पेट्रोल पंपों पर साफ नजर आया, जहां ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग और दिल्ली पुलिस के अधिकारी तैनात रहे.
पेट्रोल पंपों पर लगे बैन बोर्ड और हाई-टेक कैमरे पुराने वाहनों की निगरानी के लिए तैयार दिखे.हालांकि, पहले दिन पुराने वाहनों की संख्या कम रही, लेकिन जो भी पहुंचे, उन पर सख्त कार्रवाई की गई.किसी को नोटिस थमाया गया तो किसी की गाड़ी जब्त कर ली गई.इस कदम से न सिर्फ प्रदूषण पर रोक लगाने में मदद मिलेगी बल्कि ट्रैफिक सिस्टम भी थोड़ा सुचारू हो सकता है.
परिवहन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पहले दिन कुल 98 पुराने वाहन कैमरों में कैद हुए.इनमें से 80 वाहनों को नोटिस दिया गया, जिनमें से 45 नोटिस परिवहन विभाग ने और 34 नोटिस दिल्ली पुलिस ने जारी किए.एमसीडी की ओर से 1 नोटिस दिया गया.इसके अलावा, 24 पुराने वाहनों को जब्त भी किया गया.
पुराने वाहनों की पहचान के लिए पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं.जैसे ही कोई ओवरएज गाड़ी पेट्रोल भरवाने पहुंचती है, स्पीकर अलर्ट जारी कर देता है और अधिकारी तुरंत एक्शन लेते हैं.
हालांकि, पहले दिन कुछ कैमरों में तकनीकी गड़बड़ी भी देखी गई.पूसा रोड स्थित एक पेट्रोल पंप पर कैमरे ने एक वैध हुंडई आई-10 को ओवरएज वाहन के तौर पर पहचान लिया, जबकि जांच में पाया गया कि उसकी वैधता 2028 तक है.
अगर आपकी गाड़ी ओवरएज हो चुकी है, तो आप उसे 15 दिनों के अंदर स्क्रैप यार्ड से छुड़वा सकते हैं, लेकिन इसके लिए जुर्माना भरना होगा और एनओसी लेकर दिल्ली के बाहर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है.
दिल्ली सरकार का यह फैसला पर्यावरण सुधार की दिशा में बड़ा कदम है.अगर आप भी पुरानी गाड़ी चला रहे हैं, तो सतर्क हो जाएं-वरना अगली बार कैमरा आपकी गाड़ी भी पकड़ सकता है!