Substandard Medicines In Delhi Government Hospitals: केंद्र सरकार ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक में खराब गुणवत्ता वाली दवाओं की आपूर्ति के मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिसंबर 2023 में गृह मंत्रालय से इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. जानकारी के अनुसार दिल्ली के सरकारी के अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक से लिए गए दवाओं के कई सैंपल्स लैब टेस्ट में फेल हो गए थे. इन दवाओं की गुणवत्ता खराब पाई गई थी.
सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक में खराब गुणवत्ता वाली दवाओं की आपूर्ति को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखकर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. विजिलेंस डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल से जांच की मांग की थी.
इस पूरे मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज का बयान सामने आया है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैंने मंत्री बनते ही दवाओं के ऑडिट के निर्देश दिए थे लेकिन नगर स्वास्थ्य सचिव ने ऑडिट नहीं करवाई. सीबीआई की जांच को लेकर उन्होंने कहा कि हम सीबीआई जांच का स्वागत करते हैं. मगर केंद्र स्वास्थ्य सचिव को क्यों बचा रहा है? हेल्थ सेक्रेटरी दीपक कुमार को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए. हम पहले ही इस अधिकारी को हटाने के लिए उप राज्यपाल से बोल चुके हैं. यहां तक की सुप्रीम कोर्ट में गए हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक में खराब गुणवत्ता वाली दवाओं की आपूर्ति की गई थी. इसके साथ ही दिल्ली सरकार पर आरोप है कि प्राइवेट लैब्स को लाभ फायदा पहुंचाने के मकसद से मोहल्ला क्लीनिकों में लाखों 'घोस्ट पेशेंट्स' के लैब टेस्ट किए गए हैं. घोस्ट पेशेंट का मतलब है ऐसे मरीज जो वास्तव में थे ही नहीं. एलजी ऑफिस के सूत्रों ने बताया कि फर्जी लैब टेस्ट की आड़ में निजी लैब्स को भुगतान किया गया. दिल्ली के गरीब नागरिकों की कीमत पर सैकड़ों करोड़ रुपये का कथित घोटाला हुआ.