नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को 17 नवंबर 2025 को वहाँ के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने मौत की सजा सुना दी है. यह सजा 2024 के बड़े छात्र आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल प्रयोग और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप में दी गई है.
अभी शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं इसलिए यह फैसला सिर्फ कानूनी नहीं बल्कि राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर भी बहुत बड़ा झटका है. ठीक इसी हंगामे के बीच बांग्लादेश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) खलीलुर रहमान तय समय से एक दिन पहले दिल्ली पहुँच गए.
ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को पाँच अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराया.
फैसले के बाद ढाका समेत कई शहरों में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. आवामी लीग के कार्यकर्ता और शेख हसीना के समर्थक सड़कों पर हैं. कुछ जगहों पर हिंसा भी हुई है. लोग मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे हैं. स्थिति फिर वैसी ही होती दिख रही है जैसी पिछले साल तख्तापलट के समय थी.
आधिकारिक रूप से खलीलुर रहमान कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव (CSC) की सातवीं बैठक में हिस्सा लेने भारत आए हैं. यह बैठक 19-20 नवंबर को दिल्ली में होनी है. इसमें भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव और मॉरीशस के NSA हिस्सा लेते हैं. लेकिन हैरानी की बात यह है कि वह तय कार्यक्रम से पूरा एक दिन पहले ही दिल्ली पहुँच गए.
अभी तक इसका आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है लेकिन कूटनीतिक हलकों में चर्चा है कि शेख हसीना की सजा का मुद्दा इस जल्दबाजी की बड़ी वजह हो सकता है. संभव है कि बांग्लादेश सरकार भारत से यह आश्वासन चाहती हो कि शेख हसीना को भारत प्रत्यर्पण नहीं करेगा. या फिर दोनों देश इस तनाव को कम करने के लिए कोई रास्ता निकालना चाहते हों.