Assembly Election 2023: तेलंगाना विधानसभा चुनाव में एक स्वतंत्र उम्मीदवार, कर्ण शिरीशा उर्फ बरेलक्का, बेरोजगारी के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही हैं. वह एक गरीब परिवार से आती हैं और अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए मवेशियों को चराने और दूध बेचने का काम करती हैं.
बरेलक्का नागरकर्नूल जिले के कोल्लापुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के लिए चुनाव लड़ रही हैं. उनका जन्म तेलंगाना के एक छोटे से गांव में हुआ था. उनके परिवार में दो भाई और मां हैं. बरेलक्का की मां एक छोटा फास्ट-फूड सेंटर चलाती हैं. उनके घर की छत भी नहीं थी. उन्होंने ग्रेजुएशन करने के लिए बहुत मेहनत की है. बरेलक्का ने बी.कॉम की डिग्री हासिल की है, लेकिन उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिली.
सरकारी नौकरी के लिए उन्होंने हैदराबाद में लगभग तीन साल कोचिंग की. इस दौरान उन्हें कई वित्तीय संघर्षों का सामना करना पड़ा. इसके बाद बरेलक्का ने घर आकर मां की सलाह पर भैंस का दूध बेचने का काम शुरू कर दिया. साथ ही, अपने बेरोजगारी के अनुभव के बारे में एक वीडियो बनाया था और उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया. वीडियो वायरल हो गया और बरेलक्का को बेरोजगार युवाओं से बहुत समर्थन मिला.
इसके बाद बरेलक्का ने फैसला किया कि वे बेरोजगारी के मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगी. उन्होंने नामांकन भरने के लिए पैसे जुटाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया. उन्होंने UPI के जरिए अपने समर्थकों से पैसे भी मांगे.
बरेलक्का के चुनाव अभियान में रोजगार, प्रशिक्षण संस्थान, उद्योग स्थापना, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं, शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित किया है. बताया जाता है उनके लिए नामांकन का रास्ता भी कांटो भरा था. उनके भाई पर राजनितिक विरोधियों ने कथित तौर पर हमला किया गया. नाम वापस लेने के लिए पैसों की पेशकश भी की गई लेकिन बरेलक्का अपने फैसले पर अडिग रहीं.
बरेलक्का के चुनावी हलफनामे से पता चला है कि उनकी वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है. उनके हाथ में सिर्फ इन दिनों 5000 रुपये और बैंक अकाउंट में 1500 रुपये हैं. लेकिन उनके पास लाखों की संख्या में सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर फॉलोअर्स हैं. बरेलक्का को 3 दिसंबर को होने वाले चुनाव में उम्मीद है कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के युवाओं ने उन्हें पूरा समर्थन दिया होगा अगर वह जीतती हैं, तो वह तेलंगाना की पहली स्वतंत्र विधायक होंगी.