देश के चार राज्यों के चुनाव के नतीजे 3 नवंबर को सामने आ जाएंगे. वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होती है. इससे पहले ईवीएम वितरित किया जाता है.
कैसे होती है काउंटिंग?
ईवीएम में पड़े वोट हर राउंड में गिने जाते हैं. हर राउंड के नतीजों पर रिटर्निंग ऑफिसर (RO) द्वारा साइन किया जाता है. जिसके बाद कौन कितने वोट से आगे है इसकी घोषणा की जाती है.
VVPAT वेरिफिकेशन
पूरी काउंटिंग प्रोसेस CCTV की निगरानी में की जाती है जिसके बाद वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल यानी VVPAT वेरिफिकेशन अनिवार्य होता है.
VVPAT और EVM के मतों की गिनती का मेल
हर विधानसभा क्षेत्र के किन्हीं पांच पोलिंग स्टेशंस की VVPAT पर्चियों को वहां के EVMs के नतीजों से मिला कर देखा जाता है.
VVPAT क्या है?
जब आप EVM में किसी उम्मीदवार का बटन दबाते हैं, तो VVPAT मशीन से एक कागज की पर्ची निकलती है. इस पर्ची पर उस उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिन्ह होता है जिसे आपने वोट दिया है.
स्ट्रांग रूम क्या है
स्ट्रांग रूम में चुनाव से पहले और चुनाव के बाद EVM और VVPAT मशीनों को रखा जाता है. स्ट्रांग रूम में CCTV कैमरे लगे होते हैं और चौबीसों घंटे सुरक्षा कर्मियों की तैनाती होती है.
काउंटिंग एजेंट
वोट की गिनती के दौरान अपने इलेक्शन एजेंट के साथ काउंटिंग सेंटर पर रहने की अनुमति होती है. ये काउंटिंग एजेंट वोटों की गिनती पर नजर रखते हैं.
क्या मतगणना दोबारा हो सकती है?
अगर कोई उम्मीदवार चुनाव के नतीजों से संतुष्ट नहीं है, तो वह काउंटिंग के 45 दिनों के भीतर दोबारा मतगणना की मांग कर सकता है.
नतीजे आने के बाद कहां जाती है EVM?
नतीजों की घोषणा होने के बाद, EVM को फिर से स्ट्रांग रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है. 45 दिनों बाद उसे वहां से बड़े स्टोर रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है.