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PM की हाई-प्रोफाइल सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बैठक से गायब थे असदुद्दीन ओवैसी, क्या थी वजह?

ओवैसी जो राजनयिक प्रतिनिधिमंडल में से एक का हिस्सा थे ने बाद में अपनी अनुपस्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्हें एक करीबी रिश्तेदार और बचपन के दोस्त से जुड़ी चिकित्सा आपात स्थिति के कारण दुबई की एक जरूरी यात्रा करनी थी.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Asaduddin Owaisi
Courtesy: Social Media

मंगलवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर आयोजित उच्च स्तरीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी अनुपस्थित रहे. इस बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए थे, जो ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की वैश्विक पहुंच के तहत हाल ही में विदेश में राजनयिक मिशनों से लौटे थे.

ओवैसी जो राजनयिक प्रतिनिधिमंडल में से एक का हिस्सा थे ने बाद में अपनी अनुपस्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्हें एक करीबी रिश्तेदार और बचपन के दोस्त से जुड़ी चिकित्सा आपात स्थिति के कारण दुबई की एक जरूरी यात्रा करनी थी. उन्होंने अपने प्रतिनिधिमंडल के नेता भाजपा सांसद बैजयंत पांडा को रवाना होने से पहले स्थिति के बारे में सूचित किया.

बैठक में उपस्थित प्रमुख नेतागण

ओवैसी की अनुपस्थिति के बावजूद, बैठक में कांग्रेस सांसद शशि थरूर, एनसीपी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले, डीएमके की कनिमोझी करुणानिधि, भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जेडी (यू) के संजय कुमार झा और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे सहित प्रमुख राजनीतिक हस्तियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई. पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आज़ाद और सलमान खुर्शीद ने भी प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में आउटरीच प्रयासों में भाग लिया.

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिनिधियों के प्रयासों की सराहना की

प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद पर भारत के रुख को प्रस्तुत करने के लिए सदस्यों को बधाई दी, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी. उन्होंने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि किस तरह से प्रतिनिधिमंडलों ने अपने राजनयिक संवादों के दौरान शांति और आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता को व्यक्त किया. बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडलों को संयुक्त मोर्चा बनाने तथा आतंकवाद के विरुद्ध भारत की मजबूत स्थिति से अवगत कराने के लिए विश्व की विभिन्न राजधानियों में भेजा गया था. 

प्रधानमंत्री के साथ बैठक के दौरान, प्रतिनिधियों ने उन्हें विदेशी नेताओं सांसदों और राय निर्माताओं के साथ अपनी बातचीत के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत की स्थिति को किस तरह से देखा गया और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में निरंतर वैश्विक सहयोग के महत्व पर चर्चा की.

आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय एकता का प्रतीक

सत्ताधारी और विपक्षी दोनों दलों के सदस्यों को शामिल करने की सरकार की पहल को आतंकवाद-निरोध के महत्वपूर्ण मुद्दे पर राष्ट्रीय एकता के प्रदर्शन के रूप में देखा गया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस पहल की द्विदलीय प्रकृति को स्वीकार किया और इस बात पर जोर दिया कि शांति और लचीलेपन के भारत के संदेश ने दुनिया भर में जोरदार तरीके से अपनी छाप छोड़ी है.