Asaduddin Owaisi: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. चुनाव से पहले बिहार की मतदाता सूची से लगभग 35 लाख लोगों का नाम लिस्ट से हटा दिया गया है. ये लिस्ट वैसे लोगों की है जो या तो दूसरे जगह पूरी तरह से शिफ्ट हो चुके हैं या फिर इनका नाम दो जगहों पर दर्ज है. इसके अलावा ऐसे भी कुछ लोगों हैं जिनका निधन हो चुका है या फिर फर्जी नाम और पहचान है. अब चुनाव आयोग के इस एक्शन को लेकर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने निशाना साधा है.
असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार बिहार चुनाव से पहले वहां की मतदाता सूची से बांग्लादेशियों, रोहिंग्याओं और नेपालियों की पहचान कर रही है लेकिन उनके यह पता लगाने में फेल हो रही है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में दिनदहाड़े आतंकवादी कैसे घुस आए और 26 पर्यटकों की हत्या कर दी.
ओवैसी ने बुधवार रात तेलंगाना के बोधन कस्बे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूछा कि आप बिहार में बांग्लादेशियों, रोहिंग्याओं और नेपालियों को तो ढूंढ लेते हैं, लेकिन पहलगाम में आतंकवादी कैसे घुसे, इसकी जांच क्यों नहीं कर पा रहे हैं? इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि जब तक पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों का पता नहीं चल जाता, तब तक ऑपरेशन सिंदूर को नहीं रोका जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जबतक आतंकवादियों के बारे में पता नहीं कर लिया जाता तब तक वह सरकार से कड़े सवाल पूछते रहेंगे. ओवैसी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जब आतंकवादी हमारे घर में घुसकर हमारे हिंदू भाइयों पर हमला कर थे तब क्या आप सो रहे थे?
AIMIM अध्यक्ष ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि घटना तब हुई और अब जुलाई में आप गलती मान रहे हैं. इस दौरान ओवैसी ने मनोज सिन्हा के उन स्वीकारोक्ति का हवाला दिया, जिसमें सिन्हा ने भारतीय समाचार चैनल के सामने सुरक्षा विफलता की बात करते हुए, इसकी पूरी जिम्मेदारी ली थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि पहलगाम में जो कुछ हुआ वह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण था. इसमें निर्दोष लोगों को निशाना बनाया गया. उन्होंने इस हत्या की पूरी जिम्मेदारी ली और कहा कि यह एक सुरक्षा विफलता थी. ओवैसी ने अपने भाषण के दौरान सरकार का ध्यान पड़ोसी मुल्कों को ओर केंद्रित करने का अनुरोध किया.