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India Daily

'अरुण जेटली को मुझे धमकाने भेजा', फ्लो-प्लो में ये क्या बोल गए राहुल गांधी, बीजेपी ने कहा-झूठ के लिए मांगो माफी

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने कृषि कानूनों के विरोध के दौरान उन्हें डराने के लिए अरुण जेटली को भेजा था. जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली ने ट्वीट कर कहा कि राहुल का दावा तथ्यहीन और निराधार है. उन्होंने कहा कि यह दावा समय के लिहाज से भी गलत है.

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Edited By: Km Jaya
Rahul Gandhi
Courtesy: Social Media

कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली में आयोजित वार्षिक विधिक सम्मेलन 2025 में केंद्र सरकार और चुनाव प्रक्रिया पर तीखा हमला बोला. उन्होंने दावा किया कि जब वह कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहे थे, तब मोदी सरकार ने तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री स्व. अरुण जेटली को उन्हें धमकाने के लिए भेजा था. उन्होंने कहा कि अगर तुम सरकार का विरोध जारी रखोगे तो हमें कार्रवाई करनी पड़ेगी. मैंने उन्हें देखा और कहा कि मुझे नहीं लगता कि आपको अंदाजा है कि आप किससे बात कर रहे हैं.

राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली ने ट्वीट कर कहा कि राहुल का दावा तथ्यहीन और निराधार है. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके पिता अरुण जेटली का निधन 2019 में हो गया था, जबकि कृषि कानून 2020 में लाए गए थे, इसलिए यह दावा समय के लिहाज से भी गलत है. रोहन ने यह भी कहा कि उनके पिता लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले व्यक्ति थे, जो कभी किसी को विचारों के मतभेद पर धमकाने के पक्ष में नहीं थे. वे संवाद और सम्मान के जरिए राजनीति में विश्वास रखते थे, यही उनकी असली पहचान और विरासत है.

 

ये भी लगाया आरोप

राहुल गांधी ने इस सम्मेलन में भारतीय चुनाव प्रणाली को भी मृत बताते हुए आरोप लगाया कि 2024 के लोकसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली हुई. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बहुत कम बहुमत से सत्ता में हैं और अगर 15 सीटों पर धांधली न हुई होती, तो वह प्रधानमंत्री नहीं बन पाते.

ठोस सबूत का किया दावा

इससे पहले राहुल गांधी ने ये भी दावा किया था कि हम आपको कुछ ही दिनों में यह साबित करके दिखाएंगे कि लोकसभा चुनाव कैसे धांधली से जीता गया. हमारे पास इसके ठोस सबूत हैं. ये ऐसा 'एटम बम' है, जिससे चुनाव आयोग की साख ही मिट जाएगी. उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस के पास ऐसे दस्तावेज हैं जो यह सिद्ध करते हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय यानी PMO और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने राफेल डील में हस्तक्षेप किया. उन्होंने कहा कि ऐसी रिपोर्ट आने पर दुनिया के किसी भी देश में सरकार गिर जाती, लेकिन भारत में कुछ नहीं हुआ. 

संविधान की पूरी रूपरेखा 

सम्मेलन में गांधी ने वकीलों को भारत की आजादी और संविधान निर्माण का मुख्य स्तंभ बताते हुए कहा कि कांग्रेस की नींव वकीलों ने रखी थी. यदि वकीलों ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग न लिया होता, तो यह देश कभी आजाद न होता. यही कानूनी दिमाग थे जिन्होंने संविधान की पूरी रूपरेखा तैयार की.