Amit Shah Interview: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला. शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सोशल मीडिया के जरिए जनता में केवल भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है, जबकि भाजपा सीधे जनता से जुड़कर संवाद करती है. उन्होंने कहा कि किसी कार्यक्रम को मैनेज करने और जनता से संवाद करने में बहुत फर्क होता है. उन्होंने राहुल गांधी की सोशल मीडिया पर वायरल हो रही रील्स को महज प्रोग्राम मैनेजमेंट बताया.
मीडिया से इंटरव्यू में शाह ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही रील्स से जनता के बीच भ्रम पैदा नहीं किया जा सकता. शाह ने कहा कि कांग्रेस का उद्देश्य केवल लोगों में एक तरह का भ्रम पैदा करना है, लेकिन वे सफल नहीं होंगे क्योंकि हमारा सीधा संवाद उनसे कई गुना ज्यादा है.
#WATCH | There is a big difference between managing a program and communicating with the public: Home Minister Amit Shah on various video reels of outreach programs conducted by Rahul Gandhi pic.twitter.com/PdKQjrf9Jf
— ANI (@ANI) August 25, 2025Also Read
- Rambhadracharya Premanand Controversy: रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज पर दिया ऐसा बयान की संत समाज में मची हलचल! जानें क्या है पूरा मामला
- मुंबई: एक घंटे में 20 मिमी से ज्यादा बारिश, IMD ने जारी किया येलो अलर्ट
- PM मोदी आज दो दिवसीय गुजरात दौरे पर रहेंगे, 5,400 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का करेंगे शुभारंभ
अमित शाह ने कहा कि लगातार तीन चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी की निराशा इतनी बढ़ गई है कि वे सामान्य विवेक भी खो चुके हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा जनता के बीच हमेशा जाती रहती है, वहीं कांग्रेस केवल दिखावे पर आधारित कार्यक्रमों तक सीमित रहती है.
राहुल गांधी हाल ही में सोशल मीडिया, खासकर इंस्टाग्राम पर काफी सक्रिय हुए हैं. उनकी कई रील्स और पोस्ट में सरकार की आलोचना, बेरोजगारी और कथित वोट चोरी जैसे मुद्दों को उठाया गया है. कांग्रेस का दावा है कि राहुल गांधी का यह कैंपेन युवाओं और आम जनता से जुड़ने का प्रयास है.
इसी दौरान, संसद में सीआईएसएफ की तैनाती पर उठे विवाद पर भी अमित शाह ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि संसद में मौजूद कोई भी बल स्पीकर के अधिकार में आता है. शाह ने कहा कि पहले संसद में दिल्ली पुलिस के लोग रहते थे, अब सीआईएसएफ है लेकिन जब वे संसद के सुरक्षा घेरे में आते हैं तो उन्हें मार्शल माना जाता है और वे केवल स्पीकर के आदेश पर ही कार्य करते हैं.
शाह ने विपक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि सीआईएसएफ की तैनाती विरोध को दबाने के लिए की गई है. उन्होंने कहा कि यह केवल सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा है और इसे राजनीति से जोड़ना गलत है.