Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में हिंसा का दौर जारी है. शेख हसीने के इस्तीफे और देश छोड़कर जाने के बाद अभी तक वहां सरकार का गठन नहीं हुआ है. पड़ोसी होने के नाते भारत पर इसका बहुत असर पड़ रहा है. बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ अत्याचार हो रहा है. प्रदर्शनकारी हिंदू परिवारों को निशाना बना रहे हैं. बांग्लादेश की सीमा पर भारत ने सख्ती बढ़ा दी है. उधर समुद्री तटों पर भी नजर बनी हुई है. ओडिशा सरकार ने समुद्री मार्गों के जरिए अवैध प्रवासियों के प्रवेश को रोकने के लिए सभी तटीय जिलों के पुलिस अधीक्षकों को गश्त बढ़ाने को कहा है.
समुद्री तटों से सटे जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अवैध प्रवासियों पर चील की तरह नजर रखें. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) संजय कुमार ने पुष्टि की कि उनका ध्यान राज्य में अवैध प्रवासियों के प्रवेश को रोकने पर है, खास तौर पर केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर और भद्रक जिलों में.
पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) संजय कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सभी 18 समुद्री पुलिस स्टेशनों को सतर्क रहने और ओडिशा के तटों के साथ समुद्री मार्गों पर किसी भी गतिविधि पर नजर रखने के लिए कहा गया है. केंद्र सरकार ने तट रक्षकों को भी अलर्ट जारी किया है. तटीय जिलों के एसपी और एडीजी, तटीय सुरक्षा, स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं.
समुद्री तटयी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे एडीजी दफ्तर में 24×7 कंट्रोलिंग रूम खोला गया है. इस कंट्रोलिंग रूम से विभिन्न एजेंसियों भी कोऑर्डिनेटकर कर रही रही हैं.
ऐसी संभावना भी है कि बांग्लादेश से भागकर कुछ तत्व भारत में भी घुसकर अपराध कर सकते हैं. छोटे-छोटे समूहों में समुद्री मार्गों से हमारे क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं. इसके लिए ओडिशा पुलिस नेतटीय क्षेत्रों के पास की बस्तियों में निगरानी बढ़ा दी है.
ओडिशा की तटरेखा 480 किलोमीटर लंबी है. बांग्लादेश से अवैध प्रवासी आमतौर पर समुद्री मार्ग से अक्सर मछली पकड़ने वाली नावों से, केन्द्रपाड़ा और जगतसिंहपुर पहुंचते हैं. इसलिए इन तटीय इलाकों की सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद कर दिया गया है.