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India Daily

'अमेरिका अब सुपरपावर नहीं रहा, भारत-चीन ने बदला वैश्विक शक्ति संतुलन', एक्सपर्ट ने समझाया पूरा गणित

एक्सपर्ट ने कहा कि भारत 2024 में 6.5% से अधिक की दर से बढ़ा और जल्द ही जर्मनी को पीछे छोड़ देगा. उन्होंने कहा कि 20वीं सदी अमेरिका की थी लेकिन 21वीं सदी एशिया की होगी.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
America is no longer a superpower India-China have changed the global balance of power expert explai
Courtesy: America is no longer a superpower India-China have changed the global balance of power expert explained

अमेरिका की टैरिफ नीतियों ने वैश्विक स्तर पर उसकी छवि को धक्का पहुंचाया है. भारत और चीन ने इन नीतियों का करारा जवाब देकर अन्य देशों को भी अमेरिकी दबाव का मुकाबला करने का रास्ता दिखाया है. सीए नितिन कौशिक ने कहा, "भारत और चीन ने ट्रंप के मनमाने टैरिफ के खिलाफ खुलकर जवाब दिया है." इसने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है: क्या अमेरिका अब सुपरपावर नहीं रहा? विशेषज्ञ नितिन कौशिक ने वैश्विक शक्ति समीकरण में आए बदलावों पर प्रकाश डाला है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा, "अमेरिका का पतन एक कठोर सच्चाई है."

अमेरिका का ढलान और ब्रिक्स का उभार

कौशिक के अनुसार, अमेरिका पिछले सदी में शिखर पर था, लेकिन अब वह ढलान पर है. उन्होंने कहा, "पिछले 12-15 सालों में अमेरिका शिखर पर पहुंचा, लेकिन अब वह नीचे की ओर है." यह गिरावट सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि आर्थिक और नवाचार के क्षेत्र में भी है. ब्रिक्स देश (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) जी7 (अमेरिका, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, कनाडा) को पीछे छोड़ रहे हैं. ब्रिक्स देशों की अर्थव्यवस्था 29 ट्रिलियन डॉलर की है, जो वैश्विक जीडीपी का 28% है, जबकि खरीद शक्ति में यह 35% तक पहुंच चुकी है. कौशिक ने चेतावनी दी, "ब्रिक्स जी7 से आगे निकल चुका है." 

भारत और चीन की बढ़ती ताकत

भारत और चीन इस बदलाव के केंद्र में हैं. चीन की अर्थव्यवस्था 19.2 ट्रिलियन डॉलर और भारत की 4 ट्रिलियन डॉलर की है. कौशिक ने कहा, "भारत 2024 में 6.5% से अधिक की दर से बढ़ा और जल्द ही जर्मनी को पीछे छोड़ देगा." इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में भी चीन ने टेस्ला को पछाड़ दिया है. चीनी कंपनी BYD ने 2024 में 107 अरब डॉलर की कमाई की, जबकि टेस्ला 97 अरब डॉलर पर रही. कौशिक ने बताया, "BYD ने टेस्ला से दोगुने वाहन बेचे." 

अमेरिकी संरक्षणवाद और ब्रिटिश साम्राज्य का उदाहरण

 कौशिक ने चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका ने चीनी वाहनों पर 100% टैरिफ लगाकर अपनी ऑटोमोबाइल कंपनियों को बचाने की कोशिश की लेकिन सुरक्षावाद केवल अस्थायी उपाय है, नवाचार ही लंबी दौड़ जीतता है. उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की तुलना करते हुए कहा, "ब्रिटिश कभी समुद्र पर राज करते थे, आज वे उसकी छाया मात्र हैं. अमेरिका भी उसी रास्ते पर है."

भविष्य एशिया का

कौशिक ने निवेशकों को सलाह दी कि वे ब्रिक्स से जुड़े कमोडिटीज, मुद्राओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश करें.  उन्होंने कहा, "21वीं सदी एशिया की होगी, जैसे 20वीं सदी अमेरिका की थी." यह बदलाव धीरे-धीरे हो रहा है, लेकिन गणित साफ है: वैश्विक शक्ति का ताज अब बदल रहा है.