नई दिल्ली: रक्षाबंधन के अवसर पर आज नीले-नीले अंबर के बीच फुल मून, सुपर मून और ब्लू मून तीनों एक साथ दिखाई दिए. जब ये तीनों मून एक साथ दिखाई देते हैं तो इस खगोलीय घटना को 'सुपर ब्लू मून' कहा जाता है.
अब 2037 तक नहीं होगी ऐसी घटना
यही नहीं यह इस महीने का दूसरा फुल मून था. आज आकाश में जो चंद्रमा दिखाई दिया वह इस साल का सबसे ज्यादा चमकदार और सबसे बड़ा फुल मून था. इसके अलावा यह इस साल का धरती के सबसे करीब सुपरमून था. द ओल्ड फार्मर्स अल्मनैक के अनुसार नवंबर 2025 यह हमारे पास पृथ्वी के सबसे निकटतम पूर्ण ब्लूमून होगा.
वहीं, नासा के अनुसार साल 2037 तक सुपर ब्लू मून जैसी कोई घटना नहीं होगी. बता दें कि ये घटना तब होती है जब चंद्रमा पृथ्वी के करीब आता है. आज आसमान में जो चंद्रमा दिखाई दिया वह रोजाना दिखाई देने वाले चंद्रमा की अपेक्षा 14 प्रतिशत बड़ा और चमकदार था.
क्या है ब्लू मून का मतलब
ब्लू मून से आप समझ रहे होंगे कि इसका मतलब चंद्रमा के रंग से है. इस दिन चंद्रमा नीला हो जाता होगा? लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. दरअसल, ब्लू मून का विचार 16वीं सदी से उपजा है और इस शब्द का प्रयोग किसी असंभव चीज को दर्शाने के लिए किया जाता है.
सुपर ब्लू मून की घटना बेहद ही दुर्लभ है. नासा के अनुसार, ब्लू मून को हम हर ढाई साल के बाद देख सकते हैं, जबकि सुपर ब्लू मून जैसी घटना प्रत्येक 10 या 20 सालों में एक बार होती है. अब अगली सुपर ब्लू मून जैसी घटना साल 2037 में होगी.
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