Amarnath Yatra: आगामी अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने सोमवार को यात्री निवास बेस कैंप में व्यापक मॉक ड्रिल की है. इस अभ्यास में आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने की तैयारियों को चेक किया गया है. बसों को पूरी सुरक्षा के साथ भेजकर समन्वय और तत्परता की जांच की गई. यात्रा 3 जुलाई से बालटाल और पहलगाम मार्गों से शुरू होगी, जबकि पहला जत्था 2 जुलाई को जम्मू बेस कैंप से रवाना होगा.
जम्मू के डिप्टी कमिश्नर सचिन कुमार वैश्य ने बताया, 'सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. सरस्वती धाम में टोकन वितरण शुरू होगा. हम तीर्थयात्रियों से बड़ी संख्या में आने की अपील करते हैं. सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी, किसी को परेशानी नहीं होगी.' उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य भूस्खलन, आतंकी हमले या दूसरी आपदाओं में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना था. अभ्यास में फंसे वाहनों को निकालने और घायल यात्रियों को तुरंत चिकित्सा सहायता देने का सिमुलेशन शामिल था.
सुरक्षा बलों ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर समरोली और तोल्डी नाले जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर रविवार को भूस्खलन मॉक ड्रिल की. इसमें भारतीय सेना, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और जेकेएसडीआरएफ ने हिस्सा लिया. सीआरपीएफ ने के-9 डॉग स्क्वॉड तैनात किए और उधमपुर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई. ड्रोन, चेहरा पहचानने वाली तकनीक और जीपीएस ट्रैकिंग से निगरानी को और मजबूत किया गया है.
बालटाल बेस कैंप में बुधवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सीआरपीएफ, सेना, स्वास्थ्य विभाग और फायर ब्रिगेड ने संयुक्त मॉक ड्रिल की. यह अभ्यास आतंकी हमले, आग, भगदड़ और वाहन दुर्घटना जैसे हालात में प्रतिक्रिया की जांच के लिए था. कulgam में भी वॉलनट फैक्ट्री और मीरबाजार बेस कैंप में ड्रिल हुई. इन अभ्यासों ने समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता को परखा.
पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात ने उधमपुर में शनिवार को सुरक्षा समीक्षा बैठक की. उन्होंने जोनल और सेक्टोरल अधिकारियों को ड्रोन, बम निरोधक दस्तों और क्यूआरटी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. डीजीपी ने कहा, 'करीबी समन्वय से ही यात्रा को घटना-मुक्त बनाया जा सकता है.' यह यात्रा 9 अगस्त तक चलेगी.