दक्षिण कलकत्ता लॉ कॉलेज में प्रथम वर्ष की लॉ छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार के मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा का हिंसा, धमकी और अपमानजनक व्यवहार का लंबा इतिहास रहा है, यह आरोप उसके पूर्व कॉलेज साथी ने लगाया है. मोनोजीत के एक समय के मित्र, टिटस मन्ना ने दावा किया कि 31 वर्षीय तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) नेता महिला छात्राओं को परेशान करने और सहपाठियों पर हमला करने के लिए जाना जाता था, फिर भी अपने स्थानीय प्रभाव के कारण जवाबदेही से बचता रहा.
उसने बताया कि कि वह और मोनोजीत साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में टीएमसीपी से जुड़े होने के कारण 2012 से ही करीब थे. हालांकि, 2013 में हुई एक हिंसक घटना के बाद उनके रिश्ते खराब हो गए. टिटस ने याद करते हुए बताया, मोनोजीत के खिलाफ 2013 में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था, जब उसने कथित तौर पर एक कैटरिंग कर्मचारी को चाकू मार दिया था और उसकी उंगली काट दी थी. घटना के बाद, मोनोजीत कुछ सालों के लिए कैंपस से गायब हो गया.
2016 में वह कॉलेज में फिर से शामिल हो गया, जाहिर तौर पर मामला चुपचाप सुलझ जाने के बाद. हालांकि, जब उसने 2017 में छात्र राजनीति में लौटने की कोशिश की, तो टीएमसीपी नेताओं ने उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि के कारण उसे अस्वीकार कर दिया.
टिटस ने कहा, छात्र संघ से लेकर दक्षिण कलकत्ता में टीएमसीपी नेतृत्व तक सभी ने उसे सख्ती से कहा कि वह कॉलेज आ सकता है, कक्षाओं में भाग ले सकता है, पाठ्यक्रम पूरा कर सकता है, लेकिन उसे छात्र संघ में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उसे यह पसंद नहीं आया. कुछ दिनों बाद, दिसंबर 2017 में मोनोजीत ने 30-40 समर्थकों की भीड़ के साथ परिसर में धावा बोल दिया, छात्र संघ के सदस्यों पर हमला किया और हंगामा खड़ा कर दिया.
मोनोजीत मिश्रा का 'आतंक का राज'
टिटस ने कहा, कॉलेज परिसर में उसने जो हंगामा मचाया, उसके बाद कोई भी उसके साथ जुड़ना नहीं चाहता था. उसका आपत्तिजनक व्यवहार और भी बदतर होता गया - वह झगड़ों में पड़ जाता, दूसरे छात्रों को पीटता, उनसे जबरन वसूली करता, दूसरों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज कराता. आपत्तियों के बावजूद मोनोजीत ने कैंपस में अपनी पकड़ बनाए रखी. टिटस ने कहा, "कॉलेज में उसका आतंक था."
उन्होंने स्पष्ट किया कि टीएमसीपी ने कभी भी मोनोजीत के आचरण का समर्थन नहीं किया. उन्होंने कहा, "पार्टी ने कभी भी मोनोजीत के कार्यों का समर्थन नहीं किया और यहां तक कि एक पूर्व इकाई अध्यक्ष ने भी उच्च अधिकारियों के समक्ष अपनी चिंता व्यक्त की थी. इसके बावजूद मोनोजीत की परिसर में उपस्थिति बेरोकटोक जारी रही.
'महिलाएं शिकायत दर्ज कराने से बहुत डरती थीं'
टिटस ने आरोप लगाया कि मोनोजीत कॉलेज में पढ़ाई के दौरान महिलाओं को निशाना बनाने वाली कई घटनाओं में शामिल रहा है, लेकिन पीड़ित महिलाएं आगे आकर औपचारिक शिकायत दर्ज कराने से डरती हैं. मोनोजीत को बुधवार को लॉ कॉलेज के दो वर्तमान छात्रों के साथ 25 जून को कॉलेज के गार्ड रूम के अंदर प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. मेडिकल जांच में जबरन प्रवेश, काटने के निशान और खरोंच की चोटों की पुष्टि हुई.
टिटस ने दावा किया कि मोनोजीत ने पहले भी इसी तरह एक अन्य छात्रा का उत्पीड़न किया था, लेकिन यह घटना कभी सार्वजनिक नहीं हुई, क्योंकि पीड़िता ने शिकायत दर्ज नहीं कराई थी. स्नातक होने के बाद भी, मोनोजीत (31) छात्र राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति बने रहे और कई लोग उन्हें छात्रों और स्थानीय राजनीतिक हस्तियों के बीच एक अनौपचारिक शक्ति दलाल के रूप में देखते थे.