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India Daily

Ahmedabad Plane Crash: सिविल एविएशन मिनिस्ट्री को सौंपी गई अहमदाबाद विमान दुर्घटना की जांच रिपोर्ट, 261 लोगों की मौत का खुलेगा राज!

अहमदाबाद में हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे की जांच कर रही टीम ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सौंप दी है. हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के जांचकर्ता इस भयानक दुर्घटना के क्या निष्कर्ष पर पहुंचे हैं, जिसमें 260 लोगों की जान चली गई थी.

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Edited By: Princy Sharma
Ahmedabad Plane Crash
Courtesy: Pinterest

Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद में हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे की जांच कर रही टीम ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सौंप दी है. हालांकि,अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के जांचकर्ता इस भयानक दुर्घटना के क्या निष्कर्ष पर पहुंचे हैं, जिसमें 260 लोगों की जान चली गई थी.

12 जून को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद लंदन जा रहा एयर इंडिया का एक विमान मेघानीनगर इलाके में एक हॉस्टल परिसर से जा टकराया था. इस दर्दनाक हादसे में विमान में सवार 241 लोग और जमीन पर कई अन्य लोग मारे गए थे. 

ब्लैक बॉक्स से मिला अहम सुराग

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, विमान के 'फ्रंट ब्लैक बॉक्स' (आगे वाले ब्लैक बॉक्स) से 'क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल' (CPM) सुरक्षित रूप से बरामद कर लिया गया था. सबसे बड़ी खबर यह है कि 25 जून 2025 को AAIB लैब में मेमोरी मॉड्यूल को सफलतापूर्वक एक्सेस कर लिया गया और उसका डेटा भी डाउनलोड कर लिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया कि डेटा की सफल रिकवरी को वेरिफाई करने के लिए एक डुप्लीकेट ब्लैक बॉक्स, जिसे गोल्डन चेसिस कहा जाता है का उपयोग किया गया था. पहला ब्लैक बॉक्स दुर्घटनास्थल पर एक इमारत की छत से 13 जून को मिला था और दूसरा 16 जून को मलबे से बरामद किया गया था.

देश में पहली बार हुई ब्लैक बॉक्स की डिकोडिंग

इस जांच का नेतृत्व AAIB के अधिकारी कर रहे हैं, जिसमें भारतीय वायु सेना, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) के तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल हैं. NTSB उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा है जहां विमान को डिजाइन और निर्मित किया गया था.

इस पूरे मामले की जांच AAIB के महानिदेशक की देखरेख में चल रही है. जांच टीम में एक विमानन चिकित्सा विशेषज्ञ और एक एयर ट्रैफिक कंट्रोल अधिकारी भी शामिल हैं. सूत्रों ने पुष्टि की है कि NTSB टीम वर्तमान में दिल्ली में है और भारतीय अधिकारियों के साथ AAIB लैब में मिलकर काम कर रही है. बोइंग और जीई के प्रतिनिधि भी तकनीकी विश्लेषण में सहायता के लिए राजधानी में मौजूद हैं.

विदेश भेजा जाता था ब्लैक बॉक्स

पहले के विमान हादसों में, भारतीय विमानों के ब्लैक बॉक्स को आमतौर पर डिकोडिंग के लिए विदेश भेजा जाता था, जैसे कि यूके, यूएसए, फ्रांस, इटली, कनाडा और रूस जैसे देशों में. भारत के पास बड़े विमान दुर्घटनाओं से ब्लैक बॉक्स डेटा का घरेलू स्तर पर विश्लेषण करने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा नहीं था. हालांकि, दिल्ली में एक पूरी तरह से सुसज्जित AAIB लैब की स्थापना के साथ यह स्थिति बदल गई है, जो अब देश के भीतर कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) दोनों को डिकोड करने में सक्षम है.

पहले की घटनाओं में, ब्लैक बॉक्स डेटा का विश्लेषण ज्यादातर विदेशों में ही किया गया था. जैसे की:

  • 1996 के चरखी दादरी दुर्घटना में, डिकोडिंग मॉस्को और यूके में की गई थी.
  • 2010 के मंगलुरु दुर्घटना में, रिकॉर्डर को यूएस में NTSB द्वारा संसाधित किया गया था.
  • 2015 के दिल्ली दुर्घटना में, डिकोडिंग कनाडा के परिवहन सुरक्षा बोर्ड द्वारा की गई थी.

2020 के कोझिकोड दुर्घटना में, जबकि CVR और FDR को भारत में DGCA की सुविधा पर डाउनलोड किया गया था, डेटा प्रोसेसिंग में NTSB द्वारा सहायता की गई थी. यह एक बड़ी सफलता है कि भारत अब अपने स्वयं के ब्लैक बॉक्स डेटा का विश्लेषण करने में सक्षम है, जिससे जांच प्रक्रिया में तेजी आएगी और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने में मदद मिलेगी.