Ahmedabad Plane Crash: 242 लोगों को लेकर लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान गुरुवार को उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज के एक छात्र छात्रावास में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे हवा और जमीन दोनों पर तबाही मच गई. फ्लाइट AI171 के रूप में संचालित बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर ने सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से दोपहर 1.38 बजे उड़ान भरी थी, जब इसने मेडे कॉल जारी किया और रडार से गायब हो गया, कुछ ही मिनटों में घनी आबादी वाले मेघानी नगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
कम से कम तीन रेजिडेंट डॉक्टर की मौत
विस्फोट बहुत ही भयानक था, आग तुरंत भड़क गई और उसके बाद की स्थिति भयावह थी. एयर इंडिया का एक विमान मेघानीनगर में बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर में आवासीय भवनों और मेस पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें कम से कम तीन रेजिडेंट डॉक्टर और एक डॉक्टर की गर्भवती पत्नी की एक ही भयावह घटना में मौत हो गई. कुछ लोगों को मलबे से निकाला गया, कुछ को संयोग से बचा लिया गया.
बचे हुए डॉक्टर्स ने याद किया लंच का वो भयानक मंजर
सूत्रों ने बताया कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से मची तबाही में तीन डॉक्टर आर्यन राजपूत, मानव भादू और राकेश देवड़ा की मौत हो गई. एक अन्य डॉक्टर की गर्भवती पत्नी काजल प्रदीप सोलंकी की भी मौत हो गई. गुरुवार शाम तक रेजिडेंट डॉक्टर जय प्रकाश चौधरी लापता बताए गए.
300 से ज़्यादा डॉक्टर थे मौजूद
डॉक्टर गुरुवार दोपहर को लंच ब्रेक में खाना खाने आए थे, तभी विमान पांच मंजिला इमारत से टकरा गया. क्योंकि परिसर में 300 से ज़्यादा डॉक्टर मौजूद थे, इसलिए कुछ लोगों का कहना है कि मृतकों और घायलों की संख्या ज़्यादा थी. लेकिन भयावहता ने उन्हें पहले घटनास्थल पर और फिर बाद में अस्पताल में अपना कर्तव्य निभाने से नहीं रोका.
चारों और फैला हुआ था मलबा
डॉक्टर रामकृष्ण जीवित बचे लोगों में से थे. उन्होंने कहा, "मैं मेस में लंच कर रहा था, तभी मेरे एक दोस्त ने मुझे विमान के खतरनाक तरीके से नीचे उड़ने के बारे में चेतावनी देने के लिए फोन किया. मैं मेस से बाहर निकला और एक जोरदार धमाका हुआ. बहुत ज़्यादा गर्मी और धुआं था. लोग घबराकर इधर-उधर भाग रहे थे. जब धुआं कम हुआ, तो मैंने देखा कि मलबा चारों ओर फैला हुआ था. हमने मलबे से 4-5 शव निकाले. वे डॉक्टर थे, क्योंकि उन्होंने एप्रन पहन रखे थे."
21-22 छात्रों को निकाला बाहर
इससे पहले दिन में जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष धवल गमेती इस बात से परेशान थे कि वे अपने दोस्तों के साथ मेस में लंच के लिए नहीं जा पाए. दोपहर तक उन्होंने अपने भाग्य को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि "दोपहर 1.41 बजे, मुझे धुएं के बारे में एक कॉल आया और मैंने सोचा कि यह एक छोटी सी आग है. मैंने सिविल अस्पताल के अधीक्षक राकेश जोशी को एम्बुलेंस के लिए बुलाया. जब तक हम पहुंचे, एयर इंडिया की चार एम्बुलेंस पहले ही वहां पहुंच चुकी थीं और हमें एहसास हुआ कि स्थिति बहुत खराब थी. हमने 21-22 छात्रों को बाहर निकाला."
लंच खत्म करने के बाद अपने हॉस्टल लौटे ही थे
उन्होंने आगे कहा कि "बाकी लोगों को कुछ ही मिनटों में बचा लिया गया. इंटर्न कुशाल चौहान मेस में लंच खत्म करने के बाद अपने हॉस्टल लौटे ही थे. एमबीबीएस छात्र मंथन ने लंच खत्म कर लिया था और जब विमान नीचे आया तो वह अपना दोपहिया वाहन स्टार्ट कर रहा था. मैंने जितनी जल्दी हो सके भागने की कोशिश की, लेकिन आग ने मेरे दोस्त की पीठ को पकड़ लिया जो पीछे की सीट पर बैठा था. वह जल गया, लेकिन वह सुरक्षित है."