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India Daily

नेशनल हेराल्ड केस: ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल की अपील, ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी

एजेंसी ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील दाखिल कर ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की शिकायत पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया गया था.

Sagar
Edited By: Sagar Bhardwaj
RAHUL GANDHI
Courtesy: @siddaramaiah

लंबे समय से चल रहे नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा कदम उठाया है. एजेंसी ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील दाखिल कर ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की शिकायत पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया गया था. ईडी ने ट्रायल कोर्ट के निष्कर्षों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह फैसला गलत है और अपीलीय समीक्षा की जरूरत है.

15 साल से चल रहा केस

यह मामला 2012 से चल रहा है, जब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने निजी शिकायत दर्ज कराई थी. स्वामी का आरोप था कि कांग्रेस ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों, जो नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करती थी, को धोखाधड़ी से हड़प लिया. एजेएल को कांग्रेस से 90 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज मिला था, जिसे बाद में यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआई) कंपनी को मात्र 50 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया गया.

राउज एवेन्यू कोर्ट संज्ञान लेने से किया इनकार 

यंग इंडियन में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की बहुमत की हिस्सेदारी है. ईडी का दावा है कि एजेएल की संपत्तियां, जिनकी कीमत 2000 करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती है, को इस तरह से हस्तांतरित कर मनी लॉन्ड्रिंग की गई.16 दिसंबर 2025 को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने ईडी की अप्रैल 2025 में दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया.

कोर्ट ने कहा शेड्यूल्ड ऑफेंस की FIR जरूरी

कोर्ट ने कहा कि पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत कार्रवाई के लिए शेड्यूल्ड ऑफेंस की एफआईआर जरूरी है, लेकिन यहां मामला स्वामी की निजी शिकायत पर आधारित था, न कि किसी पुलिस एफआईआर पर. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि निजी शिकायत के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच और अभियोजन शिकायत वैध नहीं है. इस फैसले से सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, यंग इंडियन और अन्य आरोपियों को बड़ी राहत मिली.

सत्य की जीत

कांग्रेस ने इस फैसले को 'सत्य की जीत' करार दिया. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंहवी ने कहा कि यह मामला राजनीतिक बदले की भावना से चलाया गया था, जिसमें कोई मनी लॉन्ड्रिंग नहीं हुई, कोई क्राइम की आय नहीं बनी और कोई संपत्ति का हस्तांतरण नहीं हुआ. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर विपक्षी नेताओं को परेशान करने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री व गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की. दूसरी ओर, ईडी ने फैसले को तकनीकी आधार पर बताया और अपील दाखिल करने का फैसला किया.

 एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने अक्टूबर 2025 में ईडी की शिकायत पर नई एफआईआर दर्ज की है, जिसे आधार बनाकर नई चार्जशीट दाखिल की जा सकती है. भाजपा ने कांग्रेस पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि मामला अभी खत्म नहीं हुआ है, सोनिया और राहुल अभी भी आरोपी हैं.