दिल्ली की हवा लगातार गंभीर होती जा रही है और प्रदूषण आम लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर डाल रहा है. इसी चुनौती से निपटने के लिए दिल्ली नगर निगम ने केंद्र सरकार के सामने अपनी विस्तृत कार्ययोजना रखी है. इस एक्शन प्लान का मकसद केवल प्रदूषण कम करना नहीं, बल्कि ट्रैफिक जाम, अवैध पार्किंग और अतिक्रमण जैसी समस्याओं का स्थायी समाधान खोजना भी है.
एमसीडी ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए तैयार की गई अपनी योजना केंद्र सरकार को सौंप दी है. इस योजना में उन इलाकों पर विशेष ध्यान दिया गया है, जहां अतिक्रमण और अव्यवस्थित पार्किंग के कारण रोजाना जाम लगता है. निगम का मानना है कि जाम कम होने से वाहनों का धुआं घटेगा और हवा की गुणवत्ता में सुधार आएगा.
प्रदूषण कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करना इस योजना का अहम हिस्सा है. एमसीडी न सिर्फ नए ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाएगा, बल्कि जो स्टेशन अभी बंद पड़े हैं, उन्हें भी दुरुस्त कर चालू किया जाएगा. इसके अलावा सड़कों से धूल हटाने के लिए 14 नई मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें खरीदी जाएंगी.
एमसीडी आयुक्त अश्वनी कुमार के अनुसार, फिलहाल निगम के पास 422 ईवी चार्जिंग स्टेशन हैं. लक्ष्य है कि वर्ष 2026 तक इनकी संख्या बढ़ाकर 994 की जाए. इसके लिए अगली तिमाही में 572 नए ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की अनुमति दी जा चुकी है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग आसान होगा.
कार्ययोजना में 10 नई बहुमंजिला पार्किंग बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है. इसके पूरा होने पर दिल्ली में बहुमंजिला पार्किंग की संख्या 30 से बढ़कर 40 हो जाएगी. इससे लोग सड़कों पर वाहन खड़ा करने से बचेंगे, ट्रैफिक जाम घटेगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी.
एमसीडी ने 71 ऐसे स्थानों की पहचान की है, जहां अतिक्रमण के कारण प्रदूषण बढ़ता है. इनमें 38 स्थानों पर तुरंत कार्रवाई होगी, जबकि 33 जगहों पर दीर्घकालिक योजना लागू की जाएगी. इसमें पार्किंग विकसित करना, बाजारों का स्थानांतरण, अतिक्रमण हटाना और सदर बाजार में हाथगाड़ियों से होने वाली रुकावट दूर करना शामिल है.