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India Daily

Ahmedabad Plane Crash: 'दो डॉक्टरों ने मुआवजे की मांग को लेकर SC में दी अर्जी', जानें क्या है पूरा मामला?

यह पत्र न केवल पीड़ितों के प्रति संवेदना दर्शाता है, बल्कि देश में विमानन सुरक्षा के प्रति गंभीर चिंता को भी उजागर करता है. सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान की उम्मीद अब पूरे देश की नजर है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Supreme Court
Courtesy: Social Media

गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास में हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है. इस त्रासदी के बाद, दो डॉक्टरों, सौरव कुमार और ध्रुव चौहान, ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी. आर. गवई को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने की अपील की है. उन्होंने पीड़ितों के लिए 50 लाख रुपये के अंतरिम मुआवजे, सेवानिवृत्त जजों और विशेषज्ञों की उच्चस्तरीय जांच समिति के गठन, और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए गहन जांच की मांग की है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार (12 जून) को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 241 लोगों की जान चली गई. वहीं, इस हादसे ने विमानन सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. डॉ. सौरव कुमार और डॉ. ध्रुव चौहान ने अपने पत्र में इस घटना को “राष्ट्रीय आपदा” करार देते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है.

मुआवजे और जांच की मांग

डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि पीड़ितों के परिवारों को तत्काल 50 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा प्रदान किया जाए. उन्होंने कहा, “यह मुआवजा पीड़ित परिवारों को तात्कालिक राहत देगा, जो इस अपूरणीय क्षति से जूझ रहे हैं.” इसके अलावा, वे एक उच्चस्तरीय जांच समिति के गठन की मांग कर रहे हैं, जिसमें सेवानिवृत्त जजों और विमानन विशेषज्ञों को शामिल किया जाए। उनका मानना है कि ऐसी समिति हादसे के कारणों की गहराई से जांच कर भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए ठोस सुझाव दे सकती है.

विमानन सुरक्षा पर जोर

डॉ. सौरव और डॉ. चौहान ने अपने पत्र में इस बात पर बल दिया कि एक पारदर्शी और स्वतंत्र जांच ही यह सुनिश्चित कर सकती है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. उन्होंने CJI से अपील की कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में त्वरित कार्रवाई करे ताकि पीड़ितों को न्याय मिले और विमानन सुरक्षा को मजबूत किया जा सके.