तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) ने शुक्रवार (4 जुलाई) को अभिनेता-राजनेता विजय को आगामी 2026 तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में आधिकारिक तौर पर घोषित किया. एक समिति बैठक में बोलते हुए, विजय ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी कभी भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ गठबंधन नहीं करेगी, “न तो सार्वजनिक रूप से और न ही बंद कमरों में.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अभिनेता से नेता बने विजय ने बीजेपी को “वैचारिक दुश्मन” करार देते हुए उनके साथ किसी भी गठबंधन की संभावना को पूरी तरह खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, “बीजेपी कहीं और जहर के बीज बो सकती है, लेकिन तमिलनाडु में नहीं.
बीजेपी के साथ गठबंधन से साफ इनकार
जय ने जोर देकर कहा, “आप अन्ना और पेरियार का विरोध या अपमान करके तमिलनाडु में जीत नहीं सकते. टीवीके न तो डीएमके है और न ही एआईएडीएमके, जो बीजेपी के साथ हाथ मिलाए.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि टीवीके हमेशा डीएमके और बीजेपी दोनों का विरोध करेगी. पार्टी ने विजय को चुनाव से पहले गठबंधन के फैसले लेने की पूरी जिम्मेदारी सौंपी.
सदस्यता विस्तार और जनसंपर्क
टीवीके ने तमिलनाडु में दो करोड़ सदस्यों को जोड़ने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए, विजय सितंबर से दिसंबर तक पूरे तमिलनाडु में एक व्यापक यात्रा शुरू करेंगे, जिसमें वे मतदाताओं से मिलेंगे और समर्थन जुटाएंगे. इसके अलावा, पार्टी अगस्त में अपनी दूसरी राज्य सम्मेलन आयोजित करेगी, जहां भविष्य की रणनीतियों का खुलासा होने की उम्मीद है.
सामाजिक और क्षेत्रीय मुद्दों पर जोर
चुनावी योजनाओं के अलावा, टीवीके ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रस्ताव पारित किए है. जहां पार्टी ने केंद्र सरकार से कच्चातीवु द्वीप को वापस लेने की मांग की और कीझादी में मिले पुरातात्विक निष्कर्षों को दबाने के प्रयासों की निंदा की, जो उनके दावे के अनुसार 2000 साल पुरानी तमिल सभ्यता को सिद्ध करते हैं. टीवीके ने दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान किसानों के साथ किए गए व्यवहार के लिए केंद्र सरकार और बीजेपी की कड़ी आलोचना की.
पार्टी ने तमिलनाडु सरकार से मेलमा सिपकोट औद्योगिक विस्तार योजना को रद्द करने की मांग की. साथ ही, कृष्णगिरि, थेनी, तिरुवल्लुर, सलेम और डिंडीगुल के आम किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया. विजय ने कहा कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा केंद्र को लिखे गए पत्र पर्याप्त नहीं हैं, और ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
भविष्य की रणनीति
टीवीके की यह घोषणा तमिलनाडु की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है. विजय की लोकप्रियता और उनकी स्पष्ट वैचारिक स्थिति पार्टी को युवाओं और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान देने वालों के बीच आकर्षक बना सकती है. अगस्त में होने वाला सम्मेलन टीवीके की रणनीति को और स्पष्ट करेगा.