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India Daily

यस बैंक की शाखा में एमएनएस का हंगामा, कर्मचारी से मारपीट, दीवारों पर लिखे नारे, वीडियो वायरल

नागपुर के माउंट रोड स्थित यस बैंक शाखा में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया. बैंक द्वारा एक श्रमिक की मशीन जब्त कर बेचने पर नाराज एमएनएस कार्यकर्ताओं ने बैंक कर्मचारी से मारपीट की, दीवारों पर नारे लिखे और परिसर को नुकसान पहुंचाया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: web

सोमवार को नागपुर में एमएनएस कार्यकर्ताओं ने यस बैंक की एक शाखा में घुसकर जमकर बवाल किया. बैंक के एक फैसले से नाराज एक उधारकर्ता की शिकायत पर एमएनएस कार्यकर्ताओं ने बैंक कर्मचारी को थप्पड़ मारा और संस्था को भ्रष्ट करार देते हुए दीवारों पर कालिख पोती. इस पूरी घटना का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

घटना की जड़ में एक श्रमिक इंद्रजीत बलीराम मुळे हैं, जिन्होंने यस बैंक से अर्थ-मूविंग मशीन खरीदने के लिए लोन लिया था. मुळे का आरोप है कि वे किश्तें नहीं चुका पाए और उन्होंने कई बार बैंक से समाधान की कोशिश की, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. जब उन्होंने मशीन को आरटीओ में ड्राइविंग टेस्ट के लिए ले गए, तो बैंक ने मशीन को जब्त कर उसे बिना सूचना बेचा.

एमएनएस का विरोध प्रदर्शन हिंसक हुआ

बैंक की इस कार्रवाई से नाराज मुळे ने एमएनएस से संपर्क किया. इसके बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बैंक के बाहर प्रदर्शन शुरू किया, जो जल्द ही उग्र हो गया. कार्यकर्ताओं ने बैंक के नामपट्ट पर कालिख पोती, दीवारों पर "भ्रष्ट बैंक" और "महाराष्ट्र विरोधी" जैसे नारे लिखे.

कर्मचारी से मारपीट, पुलिस का हस्तक्षेप

हंगामे के दौरान एक एमएनएस कार्यकर्ता ने बैंक के एक अधिकारी को थप्पड़ जड़ दिया और अन्य कर्मचारियों को धमकाया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात को नियंत्रित किया और कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया. पुलिस ने कहा है कि सीसीटीवी फुटेज और बैंक कर्मचारियों के बयान के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

पिछली घटना से भी जुड़ा मामला

यह घटना उस विवाद के कुछ दिन बाद हुई जब एमएनएस कार्यकर्ताओं ने नागपुर की एक निजी बैंक में मराठी भाषा के उपयोग को लेकर विवाद खड़ा किया था. उस समय भी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बैंक के खिलाफ प्रदर्शन किया था, जब बैंक अधिकारियों ने एफआईआर की हिंदी प्रति की मांग की थी. इस बार का विवाद भी आम आदमी को न्याय न मिलने के मुद्दे से जोड़ा जा रहा है, लेकिन प्रदर्शन की वैधता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.