menu-icon
India Daily

पहले आरजी कर अस्पताल और अब लॉ कॉलेज में रेप, क्या ममता सरकार के बस की बात नहीं कोलकाता में महिलाओं की सुरक्षा?

कोलकाता में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते यौन अपराधों ने राज्य की कानून-व्यवस्था और सामाजिक चेतना पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. हालात ये हैं कि अपराधियों में पुलिस और प्रशासन का खौफ ही नहीं रह गया है. ताजा मामला कोलकाता के लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप का है. इस घटना ने राज्य ही नहीं पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. जानकारी के अनुसार 25 जून को कॉलेज कैंपस के गार्ड रूम में शाम 7:30 बजे से रात 10 बजे के बीच आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया है.

auth-image
Edited By: Kuldeep Sharma
प्रतीकात्मक इमेज
Courtesy: WEB

पश्चिम बंगाल में महिला अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. कोलकाता में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते यौन अपराधों ने राज्य की कानून-व्यवस्था और सामाजिक चेतना पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. हालात ये हैं कि अपराधियों में पुलिस और प्रशासन का खौफ ही नहीं रह गया है. ताजा मामला कोलकाता के लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप का है. इस घटना ने राज्य ही नहीं पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. जानकारी के अनुसार 25 जून को कॉलेज कैंपस के गार्ड रूम में शाम 7:30 बजे से रात 10 बजे के बीच आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया है. आरोपियों में एक पूर्व छात्र और दो वर्तमान छात्र शामिल हैं.कोलकाता में दरिंदगी का यह पहला मामला नहीं है इससे पहले 2024 में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की घटना हुई थी. यह घटनाएं दिखाती हैं कि कैसे शैक्षणिक संस्थानों में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. 

वीडियो रिकॉर्ड कर दी वायरल करने की धमकी

ताजा मामले में साउथ लॉ कॉलेज की पीड़ित छात्रा ने आरोप लगाया है कि उसके साथ न सिर्फ सामूहिक बलात्कार हुआ, बल्कि आरोपियों ने इसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया और धमकी दी कि अगर उसने किसी से कुछ कहा तो वीडियो वायरल कर देंगे. हालांकि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और सभी को 10 जुलाई तक पुलिस रिमांड में भेजा गया है. लेकिन सवाल है ये है कि आखिर क्यों लगातार पश्चिम बंगाल में ये घटनाएं घट रही हैं. क्या शासन प्रशासन का खौफ अपराधियों में नहीं रहा है. जब इस तरह की घटनाएं आए दिन घट रही हैं तो क्यों राज्य सरकार और प्रशासन इस पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम नहीं उठा रहा है. पश्चिम बंगाल खासकर कोलकाता में आए दिन इस तरह की घटनाओं का होना सीधे तौर पर शासन और प्रशासन पर सवाल खड़े करता है. 

2024 में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ घटी थी घटना

इससे पहले अगस्त 2024 में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया था. घटना 8 अगस्त की रात की थी. डॉक्टर की लाश अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिली थी. CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने संजय रॉय नामक सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया था, जिसे जनवरी 2025 में कोर्ट ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी. यह मामला इतना संवेदनशील था कि बंगाल में स्वास्थ्य सेवाएं दो महीने तक प्रभावित रहीं थी

शैक्षणिक संस्थाओं में भी महिलाएं असुरक्षित

इन दोनों घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि कोलकाता जैसे महानगर में खासकर शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थानों में महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं. लॉ कॉलेज और मेडिकल कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में इस तरह की घटनाएं होना, प्रशासनिक लापरवाही और सामाजिक असंवेदनशीलता की ओर इशारा करता है. एक ओर जहां अपराधी कॉलेज स्टाफ या पूर्व छात्र निकले, वहीं दूसरी ओर ऐसे अपराधों को रोकने की नीतियां विफल होती नजर आ रही हैं.

घटना पर गरमाई राजनीति

हाल में लॉ कॉलेज मामले में छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले में राजनीति भी गरमा गई है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा का संबंध सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस से है. वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए त्वरित और निष्पक्ष जांच की मांग की है. उन्होंने पीड़िता को मानसिक, कानूनी और आर्थिक सहायता देने का आग्रह किया है. आरजी कर हॉस्पिटल कांड के बाद भी देशभर में प्रदर्शन हुए थे, जिसमें महिला डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग उठी थी. इन गंभीर मामलों ने यह स्पष्ट किया है कि महिला सुरक्षा को लेकर केवल कानून बनाना ही पर्याप्त नहीं है, उसे सख्ती से लागू करना भी जरूरी है. साथ ही, शैक्षणिक संस्थानों में यौन अपराधों की रोकथाम के लिए निगरानी तंत्र मजबूत करने की आवश्यकता है.