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India Daily
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महिलाओं के खिलाफ रेप, छेड़छाड़, वेश्यावृत्ति जैसे अपराधों में 134 सांसद, विधायक शामिल; सबसे ज्यादा इस पार्टी से

Crime Against Women: इन सांसदों और विधायकों में से कम से कम 18 पर रेप के मामले दर्ज हैं, इनमें 4 सांसद व 14 विधायक हैं.

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Sagar Bhardwaj
महिलाओं के खिलाफ रेप, छेड़छाड़, वेश्यावृत्ति जैसे अपराधों में 134 सांसद, विधायक शामिल; सबसे ज्यादा इस पार्टी से

नई दिल्ली: चुनावी सुधार के लिए काम करने वाली संस्था एडीआर ने एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक, 134 मौजूदा सांसद और विधायक ऐसे हैं जो महिलाओं के खिलाफ अपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं.

इन अपराधों में छेड़छाड़, क्रूरता, वेश्यावृत्ति के लिए नाबालिग लड़की को खरीदने से लेकर बलात्कार करने तक के मामले शामिल हैं.

अपराधियों में 21 सांसद और 113 विधायक शामिल

जनहित के लिए चुने गए इन जन प्रतिनिधियों में 21 सांसद और 113 विधायक शामिल हैं. इन सांसदों, विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में महिलाओं की लज्जा भंग करने के इरादे से उन पर हमला करना या आपराधिक बल का प्रयोग करना, जबरन विवाह के लिए उनका अपहरण करना, वेश्यावृत्ति के लिए नाबालिग लड़की को खरीदना और बलात्कार करना जैसे मामले शामिल हैं.


महिलाओं पर अपराध करने वाले सबसे ज्यादा इस पार्टी में

आपको जानकर हैरानी होगी कि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले सबसे ज्यादा सांसद व विधायक बीजेपी से हैं.

बीजेपी में ऐसे सांसदों और विधायकों की संख्या 44 है, कांग्रेस में 25, आम आदमी पार्टी (AAP) में 13, टीएमसी में 10 और बीजेडी में ऐसे 8 सांसद व विधायक हैं.

राज्यवार सूचि में टॉप पर पश्चिम बंगाल

महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले सबसे ज्यादा सांसद व विधायक पश्चिम बंगाल (26) से हैं, इसके बाद महाराष्ट्र और ओडिशा से  (14), दिल्ली से 13, आंध्र प्रदेश से 9 और बिहार से 8 हैं.

18 सांसदों-विधायकों पर रेप का आरोप

इन सांसदों और विधायकों में से कम से कम 18 पर रेप के मामले दर्ज हैं, इनमें 4 सांसद व 14 विधायक हैं. इसमें से 7 बीजेपी, 6 कांग्रेस  और आम आदमी पार्टी और टीएमसी से 1-1 है.

अपराधियों को क्यों दिया जाता है टिकट
एडीआर के मुताबिक, इन सभी अपराधों में या तो इन अपराधियों के खिलाफ आरोप तय कर दिये गए हैं या अदालतों द्वारा इनका संज्ञान ले लिया गया है, इसलिए इस तरह के लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक लगानी चाहिए. 

गौरतलब है कि फरवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया था, जिसमें उसने कहा था कि सभी राजनीतिक दलों को यह बताना चाहिए कि आपराधिक मामलों वाले लोगों को चुनाव लड़ने के लिए टिकट क्यों दिये जाते हैं.