Raghogarh Rescue Opration: मध्य प्रदेश के राघौगढ़ के पिपलिया गांव में 10 वर्षीय सुमित मीना 140 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था. 39 फीट नीचे फंसे होने के बाद उसे NDRF और स्थानीय अधिकारियों ने रात भर की मशक्कत के बाद सफलतापूर्वक बचा लिया और उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया था, जहां उसकी मौत हो गई.
सुमित मीना नाम के इस बच्चे को एनडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने स्ट्रेचर पर खींचकर बोरवेल से बाहर निकाला था. उसे तुरंत एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी हालत गंभीर बताई गई. उसे स्थिर करने के प्रयासों के बावजूद, अस्पताल लाए जाने के कुछ ही देर बाद बच्चे की मौत हो गई.
राघौगढ़ के पिपलिया गांव का निवासी सुमित शनिवार शाम को पतंग उड़ाने के लिए निकला था, तभी वह गलती से पुराने बोरवेल में गिर गया. काफी समय तक लापता रहने के बाद उसके परिवार और स्थानीय ग्रामीणों ने उसकी तलाश शुरू की. उन्होंने बोरवेल के गड्ढे की सतह से ऊपर उसका सिर देखा और अधिकारियों को सूचित किया.
पूरी रात हुई खुदाई
सूचना पर बचाव दल को मौके पर भेजा गया और दो जेसीबी और एक पोकलेन मशीन की मदद से खुदाई शुरू की गई. जैसे-जैसे रात बढ़ती गई, सहायता के लिए दो और जेसीबी मंगवाई गईं. बचाव दल ने रात भर काम किया, सुबह 4:30 बजे तक बोरवेल के समानांतर 45 फीट का गड्ढा खोदा. फिर एनडीआरएफ कर्मियों ने हाथ से गड्ढे से बोरवेल तक एक सुरंग बनाई.
गर्दन के नीचे तक भरा था पानी
जब एक कैमरा बोरवेल में उतारा गया, तो पता चला कि बच्चे की गर्दन के नीचे पानी दिखाई दे रहा था. पूरे ऑपरेशन के दौरान, सुमित के पिता अपने बेटे की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हुए पास के एक मंदिर की सीढ़ियों पर बैठे रहे. ऑपरेशन के दौरान बच्चे को स्थिर रखने के लिए पाइप के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई.
तमाम प्रयासों के बावजूद बच्चे की मौत
कलेक्टर डॉ सतेंद्र सिंह, अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौके पर मौजूद थे. डॉक्टरों और एम्बुलेंस सहित मेडिकल टीमें स्टैंडबाय पर थीं, बचाव प्रयासों के दौरान बच्चे की सुरक्षा के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की गई थी. हालांकि, बहादुरी से किए गए बचाव प्रयास के बावजूद, लड़के ने अस्पताल लाए जाने के कुछ समय बाद ही दम तोड़ दिया. गुना के एसपी संजीव सिन्हा ने टीओआई को बताया कि बच्चे की मौत का सही कारण पोस्टमॉर्टम के बाद ही पता चल पाएगा.