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India Daily

हार्ट अटैक से हो रही मौतों पर बड़ा खुलासा, सबसे ज्यादा यूज की जाने वाली ये दवा सुला रही मौत की नींद

आज हम आपको एक ऐसी दवा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका आम तौर पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. जरा सा खांसी, जुकाम, बुखार होने पर लोग फटाक से इस दवा को खा लेते हैं लेकिन हालिया शोध में पता चला है कि यह दवा हार्ट फेल का कारण बन सकती है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
most consumed medicine Paracetamol can cause heart failure

पैरासिटामोल को अक्सर सबसे सुरक्षित दवाओं में से एक माना जाता है, लेकिन हालिया शोध से चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. लंबे समय तक इसका उपयोग करने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. डॉक्टरों ने खासतौर पर इसके संभावित खतरों को लेकर चेतावनी दी है.

लंबे समय तक पैरासिटामोल का उपयोग है खतरनाक

शोधकर्ताओं ने पाया है कि लंबे समय तक पैरासिटामोल का सेवन करने से हृदय विफलता (हार्ट फेल), उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन), पेप्टिक अल्सर और क्रॉनिक किडनी डिजीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. इस दवा को आमतौर पर दर्द और बुखार के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन लंबे समय तक इसका अनियंत्रित उपयोग हानिकारक हो सकता है.

बुजुर्गों के लिए जोखिम अधिक
एनआईएचआर बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर के प्रोफेसर वीय झांग का कहना है कि पैरासिटामोल को अक्सर पुराने जोड़ों के दर्द (ऑस्टियोआर्थराइटिस) के इलाज के लिए पहली पंक्ति की दवा के रूप में सुझाया जाता है. खासकर बुजुर्गों में इसे सुरक्षित समझा जाता है क्योंकि वे अन्य दवाओं से संबंधित जटिलताओं के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. हालांकि, इस दवा का दीर्घकालिक उपयोग उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की ओर धकेल सकता है.

हो सकता है हार्ट फेल
शोध में यह भी सामने आया कि पैरासिटामोल का अत्यधिक सेवन हृदय पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. जो लोग इसे लंबे समय तक नियमित रूप से लेते हैं, उनमें हार्ट फेल का खतरा बढ़ जाता है.

डॉक्टरों की सलाह
डॉक्टरों ने सलाह दी है कि पैरासिटामोल का उपयोग केवल डॉक्टर की सिफारिश पर और आवश्यकता पड़ने पर ही करें. इसके दीर्घकालिक उपयोग से बचना चाहिए, खासकर यदि आपको पहले से कोई हृदय या किडनी से जुड़ी समस्या है.

पैरासिटामोल की जगह अन्य विकल्पों पर करें विचार
डॉक्टरों ने सुझाव दिया है कि दर्द और बुखार के इलाज के लिए अन्य उपचार विकल्पों पर विचार किया जा सकता है. जीवनशैली में बदलाव और प्राकृतिक उपचार जैसे हल्की एक्सरसाइज और संतुलित आहार को प्राथमिकता देना भी फायदेमंद हो सकता है.