Yashwant Sardeshpande Death: कन्नड़ साहित्य और थिएटर की दुनिया में आज एक बहुत दुखद खबर ने सबको शॉक्ड कर दिया. वरिष्ठ रंगकर्मी यशवंत सरदेशपांडे का 29 सितंबर 2025 को सुबह निधन हो गया. वह मात्र 60 साल के थे. सुबह करीब 10 बजे उन्हें अचानक सीने में तेज दर्द हुआ और दिल का दौरा पड़ गया. परिजनों ने फौरन उन्हें फोर्टिस हॉस्पिटल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने कई घंटों तक जान बचाने की पूरी कोशिश की. लेकिन अफसोस, उन्हें बचाया नहीं जा सका. इस खबर ने कर्नाटक के कलाकारों, फैंस और साहित्य प्रेमियों को गहरा सदमा पहुंचाया है.
यशवंत सरदेशपांडे कन्नड़ रंगमंच के एक प्रमुख स्तंभ थे. वे न सिर्फ एक बेहतरीन अभिनेता थे, बल्कि निर्देशक, नाटककार और प्रोड्यूसर भी. उनका जन्म हुबली (कर्नाटक) में हुआ था. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने 1985-86 में हेग्गोडु के निनासम थिएटर इंस्टीट्यूट से थिएटर आर्ट्स में डिप्लोमा किया. बाद में 1996 में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से सिनेमा और ड्रामा राइटिंग में सर्टिफिकेट कोर्स भी पूरा किया. वे अपनी अपनी थिएटर ट्रूप के जरिए कर्नाटक, भारत के विभिन्न हिस्सों और विदेशों में शो करते थे.
यशवंत सरदेशपांडे का दिल का दौरा पड़ने से निधन
उनके मशहूर नाटकों में 'ऑल द बेस्ट', 'राशिचक्र', 'ओलावे जीवन शक्षात्कार', 'नीनानाद्रे नानीनेंना', 'सही री सही', 'ओंडाटा भत्रादु', 'अंधयुग', 'साहेबारु बरुत्तारे', 'मिस पॉइंट', 'दिल मंगे मोर' और 'हिंगाड्रे डॉट कॉमेडी' जैसे नाम शामिल हैं. इनमें से कई नाटकों ने 500 से ज्यादा शो किए. शिमोगा के थिएटर प्रेमी उन्हें प्यार से 'नागेया सरदार' कहते थे. वे बीजेपी के समर्थन में भी नाटकों के जरिए चुनाव प्रचार करते रहे. थिएटर के अलावा सिनेमा में भी उनका योगदान कम नहीं.
60 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा
उन्होंने 'इड्या मदार नागलिक्के' फिल्म का निर्माण और निर्देशन किया. 'रामा शामा भामा', 'मथा', 'जूटाताता', 'धिमाकु', 'श्री दनम्मादेवी', 'स्टूडेंट', 'तुत्तुरी' और 'अतिथि' जैसी फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट लिखीं. टीवी सीरियल्स और फिल्म 'अमृतधारे' में भी एक्टिंग की. कमल हासन की 'रामा शामा भामा' में उत्तर कर्नाटक के कन्नड़ डायलॉग्स लिखे. अमेरिकन्नाडोत्सव और बहरीन कन्नाडोत्सव जैसे इवेंट्स को ऑर्गनाइज करने में अहम भूमिका निभाई.