The Taj Story Poster Controversy: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता परेश रावल इन दिनों अपनी आगामी फिल्म 'द ताज स्टोरी' के कारण सुर्खियों में हैं. लेकिन ये सुर्खियां किसी प्रमोशनल खुशी की नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर छिड़े बवाल की वजह से हैं. सोमवार को रावल ने फिल्म का मोशन पोस्टर रिलीज किया, जिसमें वे ताजमहल के गुंबद को हाथों से हटाते नजर आ रहे हैं और गुंबद के नीचे से भगवान शिव की मूर्ति उभरती हुई दिखाई दे रही है. ये तस्वीर देखते ही सोशल मीडिया पर तूफान आ गया. यूजर्स ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला करार दिया और मेकर्स पर पुरानी विवादास्पद थ्योरी को हवा देने का आरोप लगाया.
ताजमहल, जो मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया गया प्रेम का प्रतीक है, हमेशा से इतिहासकारों और विवादों के केंद्र में रहा है. कुछ लोग दावा करते रहे हैं कि ये एक हिंदू मंदिर पर बनाया गया था. इसी थ्योरी को फिल्म का पोस्टर फिर से जिंदा करने का लगा. ट्विटर पर #BoycottTajStory जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे. एक यूजर ने लिखा, 'ताजमहल प्रेम की निशानी है, इसे धार्मिक विवाद में घसीटना शर्मनाक है. परेश रावल जी, इतिहास न बदलें.' वहीं दूसरे ने कहा, 'ये प्रोपगैंडा है, वोटबैंक के लिए. फिल्म बैन होनी चाहिए.'
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) September 29, 2025
क्रिटिक्स का कहना है कि पोस्टर सनसनी फैलाने के लिए डिजाइन किया गया लगता है, जो यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है. विवाद बढ़ते ही परेश रावल ने जल्दी से पोस्ट डिलीट कर दिया और एक डिस्क्लेमर शेयर किया. उन्होंने लिखा, 'फिल्म किसी धार्मिक मुद्दे से जुड़ी नहीं है. हम दर्शकों से अनुरोध करते हैं कि फिल्म देखें और खुद राय बनाएं.' मेकर्स ने भी स्टेटमेंट जारी किया, जिसमें साफ कहा गया कि 'द ताज स्टोरी' ताजमहल में शिव मंदिर होने का दावा नहीं करती. ये सिर्फ ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित सोशल ड्रामा है.
निर्देशक तुषार अमरीश गोयल की ये फिल्म 31 अक्टूबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. इसमें जाकिर हुसैन, अमृता खानविलकर, स्नेहा वाघ और नमित दास भी मुख्य भूमिकाओं में हैं. प्रोडक्शन स्वर्णिम ग्लोबल सर्विसेज और सीए सुरेश झा का है.फिल्म का टीजर पहले ही रिलीज हो चुका है, जिसमें रावल एक कोर्टरूम सीन में 'इंटेलेक्चुअल टेररिज्म' पर बोलते दिखे. मेकर्स का दावा है कि ये आजादी के 79 साल बाद भी बौद्धिक गुलामी पर सवाल उठाती है. लेकिन पोस्टर विवाद ने तो हंगामा मचा दिया. सफाई के बावजूद यूजर्स शांत नहीं हो रहे.