Sushant Singh Rajput Death Case: जून 2020 में एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने पूरे देश को हिला दिया था. मुंबई पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताया था, लेकिन सुशांत के परिवार और फैंस ने इसे हत्या करार दिया और मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई को सौंप दी गई. अब, चार साल बाद सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में यह कहा है कि रिया चक्रवर्ती और दूसरे आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला जिससे यह साबित हो सके कि उन्होंने एक्टर को आत्महत्या के लिए उकसाया या किसी प्रकार की धमकी दी.
सुशांत सिंह राजपूत के परिवार ने सीबीआई की इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि जांच अधूरी और सतही है. हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में सुशांत के परिवार के वकील वरुण सिंह ने कहा, 'यह एक दिखावा मात्र है. अगर सीबीआई सच में सच सामने लाना चाहती थी, तो उसे अंतिम रिपोर्ट के साथ अदालत में चैट, तकनीकी रिकॉर्ड, गवाहों के बयान, मेडिकल रिकॉर्ड आदि सहित सभी सहायक दस्तावेज जमा करने होते, जो उन्होंने नहीं किया. हम इस क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ एक विरोध याचिका दायर करेंगे, जो एक घटिया जांच पर आधारित है.' परिवार के इस बयान ने एक बार फिर इस बहुचर्चित केस को चर्चा के केंद्र में ला दिया है.
सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के अनुसार, जांच में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि सुशांत ने आत्महत्या की थी. एजेंसी ने बताया कि 8 जून 2020 से 14 जून 2020 के बीच कोई भी आरोपी सुशांत के बांद्रा स्थित घर में मौजूद नहीं था.
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शौविक 8 जून को घर छोड़कर चले गए थे. हालांकि, सुशांत ने 10 जून को शौविक से व्हाट्सएप पर बात की थी, लेकिन इस दौरान रिया से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई. इस दौरान सुशांत की बहन मीतू सिंह 8 जून से 12 जून तक उनके साथ उनके फ्लैट में थीं.
सुशांत की संपत्ति से संबंधित चोरी और गबन के आरोपों पर भी सीबीआई ने साफ किया कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे यह साबित हो सके कि रिया या किसी और ने एक्टर की संपत्ति पर बेईमानी से कब्जा किया हो.
रिपोर्ट के अनुसार, 'जब रिया अपने भाई के साथ 8 जून को सुशांत का घर छोड़कर गईं, तो वह अपना एप्पल लैपटॉप और एप्पल कलाई घड़ी भी ले गईं, जो सुशांत ने उन्हें उपहार में दिए थे. जांच के दौरान ऐसा कोई सबूत सामने नहीं आया है कि रिया या किसी अन्य आरोपी ने सुशांत की जानकारी के बिना उनके कब्जे से कोई संपत्ति बेईमानी से हड़पी हो.'