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'मैं ईश्वर में विश्वास नहीं करता', दिग्गज निर्देशक राजामौली के बयान पर मचा बवाल, ‘वाराणसी’ की रिलीज से पहले सोशल मीडिया पर जंग

एसएस राजामौली ने फिल्म ‘वाराणसी’ के फर्स्ट लुक लॉन्च पर कहा कि वह ईश्वर में विश्वास नहीं रखते, जिसके बाद सोशल मीडिया पर विवाद बढ़ गया. लोगों ने उनकी पौराणिक प्रेरित फिल्मों पर सवाल उठाए. राजामौली ने रामायण-महाभारत के प्रति अपने लगाव और फिल्म की मेहनतभरी शूटिंग पर भी बात की.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
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Courtesy: Social Media

नई दिल्ली: प्रसिद्ध फिल्मकार और निर्देशक एसएस राजामौली ने अपनी आगामी फिल्म ‘वाराणसी’ के लॉन्च कार्यक्रम के दौरान ऐसा बयान दिया, जिसने सोशल मीडिया पर बड़ी बहस छेड़ दी. हिंदू पौराणिक कथाओं से प्रेरित फिल्में बनाने वाले राजामौली ने कार्यक्रम में कहा कि वह ईश्वर में विश्वास नहीं रखते, जिसके बाद से कई लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं.

फिल्म लॉन्च इवेंट में तकनीकी गड़बड़ियां और कुछ फुटेज लीक होने की वजह से राजामौली अनजाने में भावुक और नाराज भी दिखे. इसी दौरान उन्होंने कहा, 'यह मेरे लिए भावुक पल है. मैं ईश्वर में विश्वास नहीं करता. मेरे पिताजी ने कहा था कि भगवान हनुमान पीछे से सब संभाल लेंगे. लेकिन ये देखकर गुस्सा आ रहा है कि क्या वे ऐसे संभालते हैं?' उन्होंने आगे कहा कि उनकी पत्नी भगवान हनुमान में गहरा विश्वास रखती हैं और उनसे बातें भी करती हैं, जिस पर भी उन्हें गुस्सा आया.

उन्होंने बताया कि जब उनके पिता ने सफलता के लिए हनुमान के आशीर्वाद पर भरोसा जताया, तो वे और परेशान हो गए. राजामौली के इस बयान को दर्शकों के एक वर्ग ने गलत बताया, जबकि कई लोगों ने उनका बचाव भी किया.

सोशल मीडिया पर उठा सवाल- 'जब नास्तिक हैं तो पौराणिक फिल्में क्यों?'

बयान सामने आने के बाद इंटरनेट पर बहस शुरू हो गई. कई यूजर्स ने कहा कि राजामौली की फिल्में ‘आरआरआर’, ‘बाहुबली’ से लेकर ‘वाराणसी’ तक हिंदू पौराणिक कथाओं से प्रेरित हैं, इसलिए उनका यह बयान विरोधाभासी है. एक यूजर ने लिखा कि अगर वह भगवान में विश्वास नहीं करते तो ‘वाराणसी’ जैसे नाम और पौराणिक पात्रों का इस्तेमाल क्यों?

दूसरे यूजर ने राजामौली का बचाव करते हुए कहा कि नास्तिक होना कोई अपराध नहीं है और वह सिर्फ पौराणिक कथाओं से प्रेरणा लेते हैं, किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाते.

महाकाव्यों के प्रति प्रेम फिर जताया

विवाद के बीच, राजामौली ने रामायण और महाभारत के प्रति अपने लंबे जुड़ाव का भी उल्लेख किया. उन्होंने बताया कि यह उनके बचपन से उनके सपनों का प्रोजेक्ट रहा है. उन्होंने कहा कि महेश बाबू जब पहली बार भगवान राम के लुक में फोटोशूट के लिए आए, तो वे भावुक हो गए थे. उनमें कृष्ण जैसा आकर्षण है और राम जैसी शांति. उस तस्वीर को मैंने अपना वॉलपेपर भी बनाया था.

‘वाराणसी’ में 60 दिनों की कठिन शूटिंग

राजामौली ने बताया कि फिल्म के कुछ पौराणिक प्रसंगों को दोबारा रचने में बहुत मेहनत लगी. हर दिन एक नई चुनौती थी. हर दृश्य एक अलग फिल्म बनाने जैसा लगा. बता दें कि फिल्म 2027 की गर्मियों में रिलीज होगी और इसमें महेश बाबू, प्रियंका चोपड़ा जोनास और पृथ्वीराज सुकुमारन मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे. राजामौली का यह बयान जहां विवाद का विषय बन गया है, वहीं उनकी फिल्म ‘वाराणसी’ को लेकर दर्शकों की उत्सुकता लगातार बढ़ रही है.