Smita Patil Birthday: स्मिता पाटिल भारतीय सिनेमा का वो नाम हैं, जिन्होंने न सिर्फ अपने अभिनय से बल्कि अपनी सादगी और गहराई से भी दर्शकों को मोहित किया है. उनका जन्म 17 अक्टूबर 1955 को पुणे, महाराष्ट्र में हुआ था. उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1974 में 'मेरे साथ चल' फिल्म से की थी, लेकिन उन्हें असली पहचान फिल्म डायरेक्टर श्याम बेनेगल की फिल्म ‘चरणदास चोर’ (1975) से मिली थी. इस फिल्म ने स्मिता को समानांतर सिनेमा की एक सशक्त एक्ट्रेस के रूप में स्थापित किया.
अपने छोटे लेकिन शानदार करियर में स्मिता पाटिल ने लगभग 80 फिल्मों में काम किया. उन्होंने न सिर्फ हिंदी बल्कि मराठी और तमिल फिल्मों में भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया था. उनकी प्रमुख फिल्मों में भूमिका, मंथन, चक्र, आखिर क्यों, नमक हलाल और अर्थ जैसी फिल्में शामिल हैं, जिन्होंने उन्हें सिनेमा की एक मजबूत स्त्री प्रतीक के रूप में स्थापित किया.
उनके अभिनय की खासियत यह थी कि वह समाज की सच्चाइयों को बखूबी पर्दे पर उतारती थीं. उन्हें दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है जिसमें पहला ‘भूमिका’ और दूसरा ‘चक्र’ के लिए था. इसके अलावा उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड, महाराष्ट्र राज्य फिल्म अवॉर्ड और फिल्मफेयर मराठी अवॉर्ड्स से भी सम्मानित किया गया.
1985 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा.
स्मिता पाटिल की निजी जिंदगी उनके अभिनय करियर जितनी स्थिर नहीं रही. उन्होंने एक्टर राज बब्बर से शादी की, जो उस समय पहले से ही एक्ट्रेस नादिरा बब्बर के पति थे. राज बब्बर और स्मिता के रिश्ते ने पूरे देश में सुर्खियां बटोरीं. कई लोगों ने स्मिता पर 'होम ब्रेकर' होने का आरोप लगाया.
हालांकि, स्मिता और राज का रिश्ता गहरे प्रेम पर आधारित था, लेकिन समाज की आलोचनाओं और निजी संघर्षों ने इस रिश्ते को सहज नहीं रहने दिया. राज बब्बर ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'स्मिता एक बेहद संवेदनशील इंसान थीं, उन्होंने जो भी किया, पूरे दिल से किया.' इस शादी से दोनों को एक बेटा हुआ जिसका नाम उन्होंने प्रतीक बब्बर रखा जो आज खुद एक सफल एक्टर हैं.
स्मिता पाटिल का जीवन जितना प्रेरणादायक था, उतना ही दुखद उनका अंत भी रहा. उन्होंने 13 दिसंबर 1986 को अपने बेटे प्रतीक को जन्म देने के सिर्फ 15 दिन बाद दुनिया को अलविदा कह दिया. उनकी मौत डिलीवरी के बाद हुए वायरल इंफेक्शन की वजह से हुई थी. सिर्फ 31 साल की उम्र में उनका यूं चले जाना सिनेमा जगत के लिए एक बड़ा झटका था.
राज बब्बर ने उनकी मृत्यु के बाद कहा था, 'स्मिता के जाने से मेरी जिंदगी का एक अहम हिस्सा हमेशा के लिए खाली हो गया.'