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Shilpa Shetty: महाराष्ट्र में चल रहे हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर क्या बोलीं 'मराठी मुल्गी' शिल्पा शेट्टी? फैंस हैरान!

Shilpa Shetty: शिल्पा शेट्टी ने हाल ही में मराठी भाषा विवाद पर टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया. अपनी आगामी फिल्म 'केडी द डेविल' के प्रमोशन इवेंट के दौरान उनसे इस संवेदनशील मुद्दे पर सवाल पूछा गया, लेकिन उन्होंने इसे बड़ी आसानी और प्यार से टालते हुए अपनी मराठी जड़ों का हवाला दिया और विवाद को बढ़ावा न देने की बात कही.

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Edited By: Babli Rautela
Shilpa Shetty
Courtesy: Social Media

Shilpa Shetty: बॉलीवुड की जानी-मानी एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी ने हाल ही में मराठी भाषा विवाद पर टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया. अपनी आगामी फिल्म 'केडी द डेविल' के प्रमोशन इवेंट के दौरान उनसे इस संवेदनशील मुद्दे पर सवाल पूछा गया, लेकिन उन्होंने इसे बड़ी आसानी और प्यार से टालते हुए अपनी मराठी जड़ों का हवाला दिया और विवाद को बढ़ावा न देने की बात कही.

गुरुवार को मुंबई में हुए एक प्रमोशन कार्यक्रम में शिल्पा शेट्टी अपनी मोस्ट अवेटेड फिल्म 'केडी द डेविल' के टीजर लॉन्च के लिए मौजूद थीं. जब पत्रकारों ने उनसे मराठी भाषा विवाद पर राय मांगी, तो शिल्पा ने न केवल सवाल को टाल दिया, बल्कि अपनी मराठी पहचान को रेखांकित करते हुए जवाब दिया. 

मराठी विवाद पर शिल्पा शेट्टी ने साधी चुप्पी

शिल्पा ने कहा, 'मैं महाराष्ट्र की लड़की हूं. आज हम लोग केडी के बारे में बात कर रहे हैं. तो केडी से हटके अभी आप किसी विवाद में जाना चाहते हैं, तो हम उसका बढ़ावा नहीं करेंगे. ये पिक्चर ऑलरेडी एक बहुभाषी है, इसको हम मराठी में भी डब कर सकते हैं.' 

उनके इस जवाब ने न केवल उनकी सूझबूझ को दर्शाया, बल्कि यह भी साफ किया कि वह अपनी फिल्म के प्रमोशन पर ध्यान केंद्रित करना चाहती हैं. उनके सह-कलाकार संजय दत्त ने भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधी और हल्की मुस्कान के साथ जवाब को टाल दिया.

क्या है मराठी भाषा विवाद 

यह विवाद तब सुर्खियों में आया जब महाराष्ट्र सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने की योजना बनाई थी. इस प्रस्ताव का विपक्षी दलों और मराठी भाषा समर्थकों ने कड़ा विरोध किया. हालांकि, भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया, लेकिन इस मुद्दे पर बहस अभी भी जारी है. 

हाल ही में, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे के एक भाषण ने इस विवाद को और हवा दी. उन्होंने अपनी एक रैली में कार्यकर्ताओं से गैर-मराठी भाषी लोगों को स्थानीय भाषा सिखाने की बात कही, लेकिन साथ ही हिंसक घटनाओं से बचने की सलाह दी.